कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) अपने अलग कारनामे के लिए जाने जाते हैं। हमेशा अपने विरोधियों को चौंकाते रहे हैं। रविवार को केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने रानी लक्ष्मीबाई (Rani Lakshmi Bai) की समधी स्थल पहुंचकर विरोधियों के मुंह पर ताले लगा दिया। महाराज’ पहली बार ‘रानी’ की शरण में पहुंचक पुष्पांजलि अर्पित कर रानी लक्ष्मीबाई को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान सिंधिया के साथ ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर भी थे।
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बता दें कि सिंधिया राजघराने पर 1857 क्रांति में वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की मदद नहीं करने के आरोप लगते रहे हैं। पिछले दिनों कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी इस मुद्दे को लेकर सिंधिया पर हमला करते हुए गद्दार तक कह दिया था।
दरअसल ग्वालियर में स्वर्ण रेखा (नदी) पर करीब 900 करोड़ रुपए से अधिक राशि का फोरलेन एलिवेटेड रोड का निर्माण होना है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय स्वर्ण रेखा नदी पर IIITM से महारानी लक्ष्मीबाई समाधि स्थल तक करीब 6 किलोमीटर (लूप सहित 7 किमी) की इस सड़क के निर्माण की स्वीकृति दी है। स्वर्ण रेखा नाले पर बन रहे एलिवेटेड रोड के निर्माण का निरीक्षण करने सिंधिया रविवार को पहुंचे। इस दौरान अपने विरोधियों से लेकर समर्थकों को भी चौंकाते हुए लक्ष्मीबाई की समाधि स्थल पहुंकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। पहले फेज के लिए 406 करोड़ रुपए खर्च होंगे। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार को एलिवेटेड रोड निर्माण के संबंध में निरीक्षण कर अधिकारियों से चर्चा की।
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