कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्यप्रदेश में हाल ही में जारी हुई निगम मंडल अध्यक्षों की नियुक्तियों में एक बार फिर सिंधिया का दबदबा देखने को मिला। जिसके बाद मध्यप्रदेश की राजनीति और भाजपा के मूल पुराने कार्यकर्ताओ की राजनीतिक भविष्य पर सवाल खड़े होने लगे है। खासकर ग्वालियर चम्बल अंचल के कद्दावर नेता नरेंद्र सिंह तोमर, सांसद विवेक नारायण शेजवलकर खेमे के समर्थकों को एक भी स्थान न मिलना,कई सवाल खड़े कर रहा है। 

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सरकार में निगम मंडलों में नियुक्तियों का सिलसिला शुरू हो गया है। सरकार ने जो नियुक्तियां की है। उसमे से ज्यादातर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Union Minister Jyotiraditya Scindia) के समर्थकों के खाते में गई। उप चुनाव में हारकर विधायकी गंवाने वाले सभी सिंधिया समर्थकों का एक साथ ही एक बार फिर स्थापित कर दिया गया।

सरकार बनने के साथ ही निगम मंडलों में नियुक्तियों को लेकर अटकलें चल रहीं थी लेकिन हो नहीं पा रहीं थी पहले माना जा रहा था कि अंचल के कुछ भाजपा नेताओ का पुनर्वास होगा और कुछ सिंधिया समर्थक एडजस्ट होंगे। लेकिन लंबी जद्दोजहद के बाद आखिरकार सरकार ने नियुक्तियां की लेकिन ग्वालियर चम्बल के सभी नियुक्त चेहरे सिंधिया समर्थक ही निकले। इन सभी ने कांग्रेस के खिलाफ बगावत करके कमलनाथ सरकार गिराने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी और कांग्रेस के विधायक पद से इस्तीफा देकर भाजपा टिकिट पर चुनाव लड़ा था लेकिन चुनावी रण में उतरे यह सभी चेहरे हार गए थे । तब से इनको सत्ता में स्थान दिए जाने की अटकलें लग रहीं थी, आईए सबसे पहले आपको बताते है कि अंचल से सिंधिया समर्थक जिन्हें स्थान दिया गया है।

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इन संधिया समर्थकों को मिली जगह 

-महिला बाल विकास मंत्री रह चुकीं इमरती देवी को लघु उद्योग निगम का चेयरमैन बनाया गया है

-मुरैना से विधायक का उप चुनाव हार चुके रघुराज सिंह कंसाना को पिछड़ा वर्ग वित्त विकास निगम का अध्यक्ष बनाया गया है।

-रणवीर जाटव को हस्तशिल्प एवं हथकरघा का अध्यक्ष बनाया गया है

-जसवंत जाटव को राज्य पशुधन एवं कुक्कुट का अध्यक्ष बनाया गया है।

– पूर्व विधायक और कट्टर सिंधिया समर्थक मुन्नालाल गोयल की भी ताजपोशी करते हुए मध्य प्रदेश राज्य बीज एवं फार्म निगम का अध्यक्ष बनाया गया है।

– गिर्राज दंडोतिया को मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम का अध्यक्ष बनाया गया है।

-पीएचई मंत्री रहे एदल सिंह कंसाना को एमपी एग्रो का चेयरमैन बनाया गया है।

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भाजपा के पुराने नेताओं को निराशा हाथ लगी 

ये सभी वे नाम हैं, जिन्हें कट्टर सिंधिया समर्थक माना जाता है।यही वजह रही कि इन सभी की ताजपोशी भी की गई है। लेकिन दूसरी ओर ग्वालियर चम्बल अंचल में भाजपा के पुराने नेताओं को निराशा ही हाथ लगी है। इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि निगम मंडल की सूची में पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया जैसे दिग्गज नेता, पूर्व मंत्री नारायण सिंह कुशवाह जैसे नेताओ के अलावा वेद प्रकाश शर्मा, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष देवेश शर्मा, पूर्व जिला उपाध्यक्ष रामेश्वर भदौरिया, पूर्व मंत्री माया सिंह, अभय चौधरी, जय सिंह, पारस जैन, अशोक बांदिल, पूर्व राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी के बेटे राजेश सोलंकी सहित आधा दर्जन से अधिक अन्य नेताओं को पद मिलने की उम्मीद थी। लेकिन एक भी भाजपाई स्थान नहीं पा सके। इस कारण पार्टी के कार्यकर्ताओं में निराशा है, तो वहीं कुछ कार्यकर्ताओं को उम्मीद है कि आगामी सूची में पार्टी के नेताओं को स्थान दिया जाएगा। वहीं कुछ कार्यकर्ता अंचल में बढ़ रहे सिंधिया के कद को लेकर दबी जुबान में मजबूरन समर्थन देते हुए नजर आए।

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इधर कांग्रेस हमलावर हुई

मध्यप्रदेश के सामने आई इस तस्वीर को लेकर कांग्रेस हमलावर हुई है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को गुटों में बंटी हुई पार्टी बताया। कांग्रेस का यह भी कहना है कि जब से सिंधिया भारतीय जनता पार्टी में आए हैं तब से भारतीय जनता पार्टी के मूल कार्यकर्ताओं की उपेक्षा लगातार की जा रही है। जिसके चलते उनके अंदर अंदरूनी रोष भी बना हुआ है। कांग्रेस का यह भी आरोप है कि जारी की गई निगम मंडल सूची में कई चेहरे ऐसे भी हैं जिनके खिलाफ जांच सहित तमाम भ्रष्टाचार के मामले लंबित हैं।

सिंधिया खेमे और नरेंद्र सिंह तोमर खेमे जैसी कोई बात नहींः केंद्रीय कृषि मंत्री

मामले पर अंचल के कद्दावर नेता और भारत सरकार में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कांग्रेस द्वारा लगाए जा रहे सभी आरोप निराधार हैं। कांग्रेस के पास आरोप लगाने के अलावा अन्य कोई कार्य शेष नहीं है। जिन लोगों को निगम मंडल की सूची में स्थान मिला है। वह सभी भाजपा के कार्यकर्ता हैं। पार्टी के किसी भी कार्यकर्ता की उपेक्षा नहीं की जाती है। समय पर सभी को उचित स्थान दिया जाता है। वहीं सांसद विवेक नारायण शेजवलकर का भी कहना है कि पार्टी समय-समय पर सभी कार्यकर्ताओं को उचित स्थान देती है। अंचल में सिंधिया खेमे और नरेंद्र सिंह तोमर खेमे जैसी कोई तस्वीर नहीं है।

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भाजपा के मूल और पुराने कार्यकर्ताओं से लेकर अंचल के कद्दावर नेता भले ही सिंधिया समर्थकों के स्थान मिलने और केंद्रीय मंत्री ज्योतिराज सिंधिया के कद में हो रही लगातार वृद्धि पर चुप बैठे हुए हैं। लेकिन अंचल और प्रदेश की राजनीति पर निगाह रखने वाले राजनीतिक विशेषज्ञ इस तस्वीर को लेकर पहले से ही वाकिफ नजर आए हैं। वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विशेषज्ञ देव श्रीमाली का कहना है कि सामने दिख रही इस तस्वीर के बाद भारतीय जनता पार्टी के अंदर हलचल है। ऐसे में पार्टी को इस हलचल पर निगाह रखना जरूरी होगी। लेकिन पार्टी यह भी जानती है कि प्रदेश में सरकार बनाने में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थकों का महत्वपूर्ण स्थान है ऐसे में उनकी ताजपोशी होना भी पहले से ही तय माना जा रहा था।

भाजपा नेता की आस मेला विकास प्राधिकरण और ग्वालियर विकास प्राधिकरण के बोर्ड पर 

प्रदेश के साथ अंचल की राजनीति में बने इस समीकरण पर अंदरूनी सियासत शुरू हो ही चुकी है। ऐसे में भाजपा के नेता मेला विकास प्राधिकरण और ग्वालियर विकास प्राधिकरण के बोर्ड पर निगाह बनाये हुए है।ऐसे में इनमे नियुक्तियों को लेकर भी जबरदस्त रस्साकशी देखी जाएगी।लिहाज देखना होगा कि क्या आगामी सूची में भाजपा के मूल और पुराने कार्यकर्ताओ को स्थान मिल पाएगा या इनमे भी सिंधिया का दबदबा रहने की संभावना है।गौरतलब है कि सियासत की इस तस्वीर पर प्रदेश और देश भर में निगाह बनी हुई है क्योंकि आगामी दिनों में कई बड़े चुनाव होने हैं। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के लिए राजनीतिक संतुलन बनाना एक बड़ा चैलेंज होगा।

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