कर्ण मिश्रा,ग्वालियर। आज मध्य प्रदेश की सियासत में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का अहम स्थान है. 2018 की कमलनाथ सरकार को गिराने के बाद एक बार फिर मध्य प्रदेश में बीजेपी की सत्ता वापसी में अहम रोल निभाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया का कद लगातार बीजेपी में बढ़ रहा है. जिस पर अब कांग्रेस सियासत कर रही है.

गुरुवार को केंद्रीय मंत्री और सिंधिया राजवंश के महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया के 4 हजार करोड़ कीमत वाले जयविलास पैलेस में महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का आगमन हो रहा है. राष्ट्रपति जयविलास पैलेस का अवलोकन करने के साथ शाही भोज भी करेंगी. हाल ही में 16 अक्टूबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी जयविलास पैलेस में आकर मराठा गैलरी का शुभारंभ करने के साथ शाही भोज का आनंद ले चुके हैं. भारतीय जनता पार्टी में सिंधिया को शामिल हुए ज्यादा वक्त तो नहीं हुआ है, लेकिन बीजेपी की कार्यशैली में रंग चुके केंद्रीय मंत्री सिंधिया की पार्टी में बढ़ती लोकप्रियता पर कांग्रेस पार्टी तंज कस रही है, तो वहीं भारतीय जनता पार्टी भी कांग्रेस को आइना दिखा रही है.

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कांग्रेस पार्टी का कहना है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया का पार्टी में कोई कद बड़ा नहीं है, बल्कि वह भारतीय जनता पार्टी नाम की भरी हुई ट्रेन में सवार हो गए हैं और अब जगह बनाने के लिए इस तरह की कवायद कर रहे हैं. कभी गृह मंत्री अमित शाह को पैलेस में बुलाते हैं, तो कभी पीएम मोदी के साथ प्लेन में सवार होकर दिल्ली जाते हैं. अब महामहिम राष्ट्रपति को आमंत्रण देकर अपने पैलेस में बुला रहे हैं, लेकिन इन प्रयासों के बावजूद भी भारतीय जनता पार्टी में सिंधिया का कोई वजूद नहीं बन पाएगा.

कांग्रेस के बयान पर भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया जब कांग्रेस पार्टी में थे तब उनका अपमान लगातार किया गया. आज वह भारतीय जनता पार्टी में अपना एक अलग वजूद और स्थान रखते हैं. यही वजह है कि पीएम मोदी से लेकर सीएम शिवराज तक सभी लोग उन्हें पार्टी में मुख्य स्थान देते हुए जिम्मेदारी भी देते आ रहे हैं. मिशन 2023 में भी ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी की सत्ता बनवाने में अहम स्थान रहेंगे. कांग्रेस सिर्फ निचले स्तर की राजनीति करती है उससे कुछ होने वाला नहीं है.

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गौरतलब है कF कांग्रेस के कद्दावार नेता रहे सिंधिया ने 10 मार्च 2020 को कांग्रेस छोड़ी थी और 11 मार्च 2020 को भाजपा में शामिल हुए थे. उनके साथ ही 22 कांग्रेस विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया था. जिससे मध्यप्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली 15 महीने पुरानी कांग्रेस सरकार गिर गई थी और 23 मार्च 2020 को भाजपा के शिवराज सिंह चौहान चौथी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. भारतीय जनता पार्टी ने भी उन्हें बतौर इनाम राज्यसभा सांसद बनाया उसके बाद मोदी कैबिनेट मे 7 जुलाई 2021 को ज्योतिरादित्य सिंधिया को कैबिनेट मंत्री बनाया गया. जिसके बाद से लगातार ज्योतिरादित्य सिंधिया का कद भारतीय जनता पार्टी में बढ़ता जा रहा है. यही वजह है कि मध्य प्रदेश की सियासत में ज्योतिरादित्य सिंधिया पर जमकर राजनीति भी देखने को मिल रही है.

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