SCO Summit 2022: नई दिल्ली. शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) देशों के शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन तथा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात हो सकती है. उजबेकिस्तान के समरकंद में 15-16 सितंबर को होने वाली एससीओ शिखर वार्ता में प्रधानमंत्री मोदी हिस्सा लेने जाएंगे.

 कोरोना महामारी के बाद पहली बार फिजिकल स्वरूप में हो रहा यह सम्मेलन बेहद महत्वपूर्ण है. इससे पूर्व जून 2019 में किर्गिस्तान में एससीओ शिखर सम्मेलन हुआ था और तब मोदी और जिनपिंग की मुलाकात हुई थी. उसके बाद नवंबर में ब्राजील में बिक्स सम्मेलन के दौरान दोनों राष्ट्राध्यक्षों की आखिरी बार आमने-सामने मुलाकात हुई थी. कोरोना काल में वर्चुअल बैठकों के दौरान भी मोदी एवं शिनपिंग एक मंच पर मौजूद रहे.

यह मुलाकात इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि एससीओ की अध्यक्षता इसके बाद एक साल के लिए भारत को मिलने वाली है. अगली बार सम्मेलन का आयोजन भारत की मेजबानी में होगा.

विदेश मंत्रालय ने रविवार को प्रधानमंत्री मोदी के एससीओ बैठक में हिस्सा लेने को लेकर बयान जारी किया है जिसमें कुछ द्विपक्षीय बैठकें होने की भी संभावना व्यक्त की गई है. हालांकि यह नहीं बताया गया है कि ऐसी बैठकें किन देशों के साथ संभावित हैं. इस प्रकार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी इस बैठक में हिस्सा लेंगे. संभावना है कि उनकी पीएम मोदी से पहली मुलाकात हो सकती है. हालांकि इस बात की भी पुष्टि किसी पक्ष की तरफ से अभी नहीं की गई है.

इसलिए महत्वपूर्ण

जानकारों का कहना है कि पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सेनाओं के जून 2020 में हुए टकराव के बाद से पहली बार दोनों नेताओं के बीच यदि अलग से मुलाकात होती है तो यह रिश्तों पर जमी बर्फ को पिघलाने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी. हाल में दोनों देशों की सेनाओं ने टकराव वाले एक बिंदु गोगरा-हाटस्प्रिंग से भी पीछे हटने का ऐलान किया है. इसको भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

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