नई दिल्ली . देश की राजधानी दिल्ली में जारी झुलसा देने वाली गर्मी ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. लगातार तापमान बढ़ोतरी की वजह से मंगलवार यानी 13 जून को राजधानी में इस गर्मी में अधिकतम बिजली की मांग पहली बार 7,000 मेगावॉट को पार कर गई.भीषण गर्मी के चलते लोग घरों में बंद रहने को मजबूर हो गए है. घरों में भी नियमित तौर पर एसी, कूलर और पंखे चल रहे हैं, जिसका असर बिजली की मांग पर पढ़ रहा है. बिजली की मांग मंगलवार को साल के सबसे उच्च स्तर 7098 मेगावाट पर पहुंच गई.
बिजली कंपनियों का कहना है कि पश्चिमी दिल्ली और यमुना पार के क्षेत्र में सबसे ज्यादा बिजली की मांग रही. दिल्ली के करीब 75 प्रतिशत इलाके में बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड की दो सहयोगी कंपनी बीआरपीएल और बीवाईपीएल की ओर से बिजली की आपूर्ति की जाती है. इसमें बीवाईपीएल ओखला, पूर्वी दिल्ली और यमुनापार के इलाके में बिजली सप्लाई करती है, जबकि बीआरपीएल के पास पश्चिमी दिल्ली का बड़ा इलाका है. मंगलवार दोपहर को बीआरपीएल इलाके में 3103 और बीआरपीएल क्षेत्र में 1615 मेगावाट की मांग रही.
बीएसईएस के पास 1500 मेगावाट हरित ऊर्जा
बिजली कंपनियों की तरफ से कहा गया है कि आने वाले दिनों में बिजली की मांग तेजी से बढ़ने की संभावना है, जिसे देखते हुए बिजली की पर्याप्त व्यवस्था कर ली गई है. जिससे दक्षिण, पश्चिम, मध्य और पूर्वी दिल्ली के करीब 2 करोड़ निवासियों बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके. बीएसईएस ने 1500 मेगावाट हरित ऊर्जा की व्यवस्था की है. इसमें सेकी (सोलर एनर्जी कारपोरेशन ऑफ इंडिया) से मिलने वाली 888 मेगावाट सौर ऊर्जा से 486 मेगावाट पवन ऊर्जा शामिल है. इसमें कचरे से बनने वाली 40 मेगावाट बिजली भी शामिल है.