शंभू बॉर्डर : सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू बॉर्डर को आंशिक रूप से खोलने का आदेश दिया है. पिछले 6 महीनों से बंद बॉर्डर के मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की कि हाईवे पार्किंग स्थल नहीं हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने अगले एक हफ्ते के भीतर एंबुलेंस, बुजुर्गों, महिलाओं, विद्यार्थियों आदि के लिए हाईवे की एक लेन खोलने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा के डीजीपी के अलावा पटियाला, मोहाली और अंबाला के एसपी को बैठक करने और इस मुद्दे पर फैसला लेने के लिए कहा है. कोर्ट ने यह भी कहा है कि इस मामले की अगली सुनवाई 22 अगस्त को होगी. अदालत ने यह भी कहा कि अगर इस दौरान पंजाब और हरियाणा के पुलिस अधिकारियों के बीच समझौता हो जाता है तो अगली सुनवाई की तारीख का इंतजार करने की जरूरत नहीं होगी.

13 फरवरी से किसानों ने लगाए थे डेरा


हरियाणा सरकार ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें अंबाला के पास शंभू बॉर्डर पर एक हफ्ते के भीतर बैरिकेड हटाने के लिए कहा गया था. किसानों ने 13 फरवरी से शंभू बॉर्डर पर डेरा डाल रखा है. एडवोकेट अक्षय अमृतांशु के माध्यम से दायर राज्य सरकार की अपील में कानून व्यवस्था की स्थिति को नाकाबंदी का कारण बताया गया था. संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को बैरिकेड हटाने के लिए कहा था और हाईवे जाम करने के उसके अधिकार पर सवाल उठाए थे.
पंजाब के किसानों ने दिल्ली चलो मार्च का आह्वान किया था. पंजाब के अंदर किसानों को आने-जाने में ज्यादा परेशानी नहीं हुई, लेकिन उन्हें हरियाणा की सीमा पर रोक दिया गया. प्रदर्शनकारी किसान हरियाणा से लगती राज्य सीमा के दो प्वाइंट शंभू और खनौरी पर फंसे हुए हैं. धरने के पहले दो दिन किसानों और हरियाणा पुलिस के कर्मचारियों के बीच झड़पें हुईं.