दिल्ली। योगी आदित्यनाथ भले ही अच्छा शासन देने के लाख दावे कर रहे हों लेकिन उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था राम भरोसे ही चल रही है।
उत्तर प्रदेश के प्रशासनिक गलियारों में उस समय हड़कंप मच गया जब प्रतापगढ़ के जिलाधिकारी के साथ ही जिले के दो एडीएम पर एक एसडीएम ने गंभीर आरोप लगाकर अपनी पत्नी के साथ डीएम के सरकारी बंगले में धरने पर बैठ गए। डीएम पर खुलेआम भ्रष्टाचार के आरोप लगने से नौकरशाही में सनसनी मच गई। मामले की लीपापोती करने से पहले ही मामला मीडिया में आ गया और सरकार के सुशासन की फिर पोल खुल गई।
प्रतापगढ़ में जिलाधिकारी डॉ. रुपेश कुमार के सरकारी बंगले में दोपहर एक बजे एसडीएम विनीत उपाध्याय अपनी पत्नी के साथ धरने पर बैठ गए। उनका आरोप है कि उनके खिलाफ एक जांच में एडीएम ने गलत रिपोर्ट लगा दी। एसडीएम विनीत उपाध्याय ने डीएम डॉ. रुपेश कुमार और दो एसडीएम सहित कई कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर डीएम के आवास में धरना शुरू कर दिया है।