नई दिल्ली . वित्त वर्ष 2022-23 के समाप्ति के दो दिन पहले आखिरकार दिल्ली नगर निगम का बजट पारित हो गया. निगम की बैठक में सत्तापक्ष और विपक्ष के 6-6 सदस्यों ने हिस्सा लिया. चर्चा के बाद सत्ता पक्ष ने ध्वनिमत से वर्ष 2022-23 के संशोधित बजट अनुमान और 2023-24 के बजट अनुमान को पारित कर दिया. सदन में कुल 17 प्रस्ताव रखे गए थे. इसमें सत्ता पक्ष के पार्षदों 6 प्रस्तावों को पारित किया गया. विपक्ष के सभी प्रस्तावों को निरस्त कर दिया गया.
ध्वनि मत से पास हुआ विश्वास प्रस्ताव
दिल्ली विधानसभा में बीजेपी की अविश्वास प्रस्ताव लाने की कोशिश नाकाम हो गई. इसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सदन में बहुमत साबित करने के लिए विश्वास प्रस्ताव पेश किया. सदन में विश्वास प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित कर दिया गया. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उनके 62 में से 56 विधायक सदन में मौजूद हैं और सभी का विश्वास उन्हें हासिल है.
कन्वर्जन शुल्क और सीलिंग के संबंध में प्रस्ताव पारित
दिल्ली में दुकानों की सील हटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है. ये दुकानें वर्षों से सील थीं. साथ ही अब कन्वर्जन शुल्क, पार्किंग और अन्य कारणों से दुकानों को सील करने के लिए संपत्ति मालिकों को नोटिस भी नहीं भेजा जाएगा.
एकीकृत दिल्ली नगर निगम के बजट को लेकर विशेष बैठक में संपत्तियों को डी-सील करने और नोटिस नहीं भेजने संबंधी चार प्रस्तावों को महापौर शैली ओबरॉय ने मंजूरी प्रदान कर दी. चारों प्रस्तावों में निगमायुक्त को आदेश दिए गए हैं कि सील पड़ी संपत्तियों को डी-सील किया जाए और शुल्क संबंधी नोटिस न भेजें.
दुकानें सील करने के मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने आवेदकों के मामलों पर विचार करने हेतु स्वतंत्र न्यायिक समिति गठित की है. प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि आयुक्त को निर्देश दिए जाते हैं कि नगर निगम न्यायिक समिति के समक्ष दलीलों में इस तथ्य का समर्थन करें कि दुकानें किसी भी कंवर्जन शुल्क अदा करने के लिए उत्तरीदायी नहीं है.
दिल्ली नगर निगम में आयुक्त द्वारा वर्ष 2023-24 के लिए 15523.95 करोड़ की आय और 16023.55 व्यय का बजट पेश किया गया था. इसमें निगम ने कट मोशन के जरिए सदन की बैठक और पार्षदों के लेटर हैड और विजिटिंग कार्ड छपवाने के लिए उल्लेखित लेखाशीर्ष में दस लाख रुपये के प्रविधान बदलाव करते हुए इसे एक करोड़ तक किया गया.