सत्यपाल राजपूत, रायपुर. प्रदेश में खाली पड़ी नर्सिंग कॉलेज की सीटों को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं. नर्सिंग कॉलेज के संचालक राजीव गुप्ता ने इस पर प्रश्न खड़े किए हैं. उनका कहना है कि काउंसिल कमेटी के गलत निर्णय की वजह से सीटें खाली हैं. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि हर बार मेडिकल शिक्षा से रिलेटेड काउंसलिंग में ही गड़बड़ी क्यों होती है ? अब इस मामले में प्रवेश प्रक्रिया को फिर से शुरू करने की मांग हो रही है. इस सिलसिले में संचालक चिकित्सा शिक्षा को ज्ञापन भी सौंप दिया गया है.

आंकड़ों पर ध्यान दें BSC नर्सिंग में 7026 सीट में से 2782 सीट खाली पड़ी हैं. वहीं MSC नर्सिंग में 912 सीट में 616 सीट्स खाली हैं. पोस्ट बेसिक की बात करें तो BSC नर्सिंग के 805 सीट में 287 सीट खाली हैं. इसी तरह जीएनएम (GNM) के 1775 सीटों में 300 सीटें खाली हैं. कुल मिलाकर नर्सिंग कॉलेज में 3985 सीटें खाली हैं.

गरीब बच्चे हो रहे इस लापरवाही का शिकार- राजीव गुप्ता

प्राइवेट नर्सिंग कॉलेज एसोसिएशन छत्तीसगढ़ के कार्यकारणी सदस्य राजीव गुप्ता ने कहा कि प्रदेश में किसी भी कोर्स की काउंसलिंग में इतनी दिक्कत नहीं होती, जितनी संचालनालय चिकित्सा शिक्षा की काउंसलिंग में होती है. इसका प्रत्यक्ष प्रमाण बार-बार आवंटन के बाद प्रवेश को रद्द किया जाना है. नर्सिंग के पाठ्यक्रमों में घोर लापरवाही का शिकार प्रदेश के गरीब बच्चे हो रहे हैं. जो नर्सिंग जैसे मूलभूत कोर्स को करके अपना जीवन यापन करने की सोचते हैं. इनमें से भी इस कोर्स को करने वाली बालिकाओं की संख्या 80% से ज्यादा है. चिकित्सा शिक्षा की काउंसलिंग पर तुरंत ध्यान दिए जाने की जरूरत है. कॉलेज की सीटें रिक्त रहना प्रदेश में उपलब्ध संसाधनों का नुकसान है.

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