मुंबई। रिलायंस ग्रुप के मालिक मुकेश अंबानी के लिए नए साल की शुरुआत अच्छी नहीं रही है. सेबी ने जहां एक तरफ उन पर 15 करोड़ रुपए का व्यक्तिगत जुर्माना तो उनकी कंपनी रिलायंस पेट्रोलियम पर 25 करोड़ का जुर्माना लगाया है. यह कार्रवाई सेबी ने ट्रेडिंग में हस्ताक्षेप की वजह से की है.

सिक्योरिटी एण्ड एक्सचेंज बोर्ड (सेबी) ने अपने 95 पेज के आदेश में कहा कि रिलायंस इण्डस्ट्रीज के मालिक के तौर पर फर्म के ट्रेडिंग में हस्ताक्षेप के जिम्मेदार है. मुकेश अंबानी और रिलायंस पेट्रोलियम के अलावा सेबी ने नवी मुंबई एसईजेड पर 20 करोड़ और मुंबई एसईजेड पर 10 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है.

यह मामला 2009 का है. सेबी ने रिलायंस पेट्रोलियम लिमिटेड (RPL) के रिलायंस इण्डस्ट्रीज में विलय के दौरान शेयरों के ट्रेडिंग की जांच की थी. रिलायंस इण्ड्स्ट्रीज के बोर्ड ने मार्च 2007 में 2007-08 के लिए रणनीति बनाते हुए अगले दो सालों के लिए करीबन 87,000 करोड़ की जरूरत बताई थी. इसके बाद रिलायंस इण्डस्ट्रीज ने आरपीएल के 5 प्रतिशत शेयर को बेचने का निर्णय लिया था.

इसके बाद रिलायंस इण्डस्ट्रीज ने अक्टूबर 2007 से लेकर नवंबर 2007 के बीच अपनी ओर से आरपीएल फ्यूचर्स के लेन-देन के लिए 12 एजेंट नियुक्त किए. इन एजेंटों ने जहां शार्ट पोजिशन लिया, वहीं रिलायंस इण्डस्ट्रीज ने केश में लेन-देन को अंजाम दिया. लेन-देन की अवधि में रिलायंस इण्डस्ट्रीज की शार्ट पोजिशन कैश सिगमेंट की तुलना में ज्यादा देखने को मिली.