SEBI on Online Betting: मार्केट रेगुलेटर सेबी ने रियल टाइम डेटा शेयरिंग को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की हैं। इसमें स्टॉक एक्सचेंजों, क्लियरिंग सदस्यों और स्टॉक ब्रोकरों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है, कि वे तीसरे पक्ष के साथ वास्तविक समय डेटा साझा न करें. अगर कोई डेटा शेयरिंग हो, तो उसके लिए उचित समझौता होना चाहिए और उसका रिकॉर्ड रखा जाना चाहिए.

मार्केट रेगुलेटर ने क्या कहा?

सेबी का कहना है कि डेटा शेयरिंग एग्रीमेंट में यह भी स्पष्ट होना चाहिए कि इसका इस्तेमाल कहां किया जाएगा. ब्रोकरों और एक्सचेंजों के बोर्ड इस बात की समीक्षा करेंगे कि किस उद्देश्य के लिए डेटा साझा किया जाना चाहिए और किस उद्देश्य के लिए नहीं.

सेबी ने कहा, ‘मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशंस (एमआईआई) या बाजार मध्यस्थों को उन संस्थाओं के साथ एक स्पष्ट समझौता करना होगा जिनके साथ वे वास्तविक समय डेटा साझा करना चाहते हैं. यह भी स्पष्ट किया जाना चाहिए, कि डेटा किस उद्देश्य के लिए दिया जाएगा और इसका कोई दुरुपयोग नहीं होगा.

सेबी ने कहा, कि एमआईआई के बोर्ड को उन संस्थाओं के कामकाज की समीक्षा करनी चाहिए, जिन्होंने हर वित्तीय वर्ष में कम से कम एक बार डेटा का उपयोग किया है.

सेबी ने क्या फैसला लिया?

बाजार नियामक सेबी ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है, जब ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म पर रियल-टाइम डेटा का उपयोग करके सट्टेबाजी, लीग और लेनदेन जैसी गतिविधियां तेजी से बढ़ी हैं. इन खेलों में आमतौर पर प्रवेश शुल्क होता है और जीतने पर पुरस्कार राशि दी जाती है. यहां उपयोगकर्ता इस बात पर दांव लगाते हैं, कि वास्तविक स्टॉक प्रदर्शन से जुड़ा सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला पोर्टफोलियो कौन बना सकता है.

स्टॉक एक्सचेंज स्टॉक ब्रोकरों और ग्राहकों को शुल्क सेवा के रूप में विभिन्न बाजार क्षेत्रों के लिए वास्तविक समय डेटा प्रदान करते हैं। लेकिन, अब सेबी ने साफ कर दिया है कि शिक्षा और जागरूकता से जुड़े कार्यक्रमों के लिए उसने एक दिन बाद बाजार डेटा साझा करने के निर्देश दिए हैं. सेबी ने कहा कि ये नियम इस सर्कुलर के जारी होने के 30 दिन बाद प्रभावी होंगे.

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