अजयारविंद नामदेव, शहडोल। एक ओर जंहा सरकार किसानों की मदद के लिए हर सम्भव प्रयास कर रही है वहीं दूसरी ओर एसईसीएल किसानों की खेतिहर जमीन अधिग्रहण कर उन्हें नौकरी नहीं दे रही है। नियम कानून को दर किनार कर मनमाने तरीके से कोयला उत्खनन के खिलाफ किसानों ने मोर्चा खोल दिया है। नाराज ग्रामीण किसान हक की लड़ाई के लिए अब सड़क पर उतर कर न केवल विरोध कर रहे बल्कि कोयला खदान के समीप अनिश्चितकालीन क्रमिक हड़ताल पर बैठ गए है। किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक वे आंदोलन करते रहेंगे। उन्होंने 3 दिनों का अल्टीमेटम भी दिया है मांग पूरी नहीं होने पर खदान बंद करा देंगे।

आदिवासी बाहुल्य शहडोल संभाग के अनुपपुर शहडोल के मध्य स्थित बकही ग्राम के सैकड़ों किसानों की खेतिहर जमीन एसीएसल द्वारा शारदा माइंस ( शारदा कोयला खदान) चालू करने के नाम अधिग्रहण कर कोयला उत्खनन का ठेका प्रायवेट कंपनी को दे दिया गया है। उत्खनन भी शुरू हो गया है किंतु आज तक किसानों को नौकरी नहीं दी गई। जिससे नाराज किसानों ने एसईसीएल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। माइंस के समीप नारेबाजी करते हुए अनिश्चितकालीन क्रमिक हड़ताल पर बैठ गए है ।

शहडोल व अनूपपुर जिले के मध्य संचालित एसईसीएल की शारदा ओपन माइंस के लिए वर्ष 2014 में बटुरा व बकही ग्राम के किसानों की 329 एकड़ जमीन अधिग्रहण की गई थी। लगभग 254 लोगों को नौकरी दिया जाना था, लेकिन आज तक उन्हें नौकरी नहीं दी गई है। 8 साल बीत जाने के बाद भी एसईसीएल प्रबंधन आज तक ग्रामीणों को नौकरी के लिए चक्कर लगवा रहा है।

एसईसीएल प्रबंधन द्वारा किसानों की जमीन हड़प कर उन्हें नौकरी देने की बात तो दूर अब प्रबंधन ने प्राइवेट कंपनी के अधिनस्थ मिनसाल कंपनी को कोयला उत्खनन का काम दे दिया है। जहां कंपनी द्वारा कोयला खदान में मिट्टी हटाने का काम किया जा रहा है। जानकारी अनिल विश्वकर्मा पीड़ित किसान, नंनदुउआ सिंह सरपंच बकही, पार्वती सिंह ग्रामीण ने दी।

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