पी. रंजनदास, बीजापुर. एड्समेटा के बाद अब सिलगेर को लेकर सियासी बयानबाजी हो रही है. सिलगेर गोलीकांड की दूसरी बरसी में शामिल हुए भाजपा नेताओं ने कांग्रेस सरकार को आदिवासियों के आंदोलन से भयभीत बताया और कहा कि सरकार इस कदर डरी हुई है कि वह विपक्ष के नेताओं को सिलगेर में डटे आदिवासियों के बीच पहुंचने देना नही चाहती. जगह-जगह सुरक्षा बलों द्वारा उन्हें रोका जा रहा है. सरकार सिलगेर का सच बाहर आने नहीं देना चाहती.अगर ऐसा हुआ तो सरकार का आदिवासी विरोधी चेहरा सामने आ जाएगा.
गौरतलब है कि सुकमा-बीजापुर सरहद सिलगेर में साल 2021 में कैम्प के विरोध में प्रदर्शन के दौरान फायरिंग हुई, जिसमें तीन ग्रामीणों की मौत हो गई थी. गोलीकांड के बाद दो और घायलों की मौत हो गई थी. गोलीकांड के जिम्मेदार पुलिस अफसर-जवानों पर कार्रवाई की मांग को लेकर सिलगेर में बीते 2 सालों से प्रदर्शन जारी है. दूसरी बरसी पर सिलगेर में सैकड़ो की तादात में लोग जुटे. अंतिम दिन जिला उपाध्यक्ष लवकुमार रायडू के नेतृत्व में भाजपा के अन्य पदाधिकारी भी सिलगेर पहुंचे थे.
लवकुमार रायडू ने कहा कि आदिवासियों की न्याय की लड़ाई में भाजपा उनके साथ खड़ी है. आदिवासियों से सरकार डरी हुई है, इसलिए प्रदर्शन जिला मुख्यालय में होने के बजाए गांवों में हो रहे हैं. आदिवासियों को जिला मुख्यालय में आने से रोका जा रहा है. उनका मुख्यमंत्री से सवाल है कि आठ विधायक और एक सांसद के नेतृत्व में जो डेलिगेशन भेजा गया था, उन्होंने आदिवासियों को आश्वासन दिया था, दो साल बाद भी उस पर अमल क्यों नही हुआ.
मूलवासी बचाओ मंच से सम्बद्ध रघु मुड़ियामि ने कहा कि विधायक और सांसद की तरफ आश्वासन मिलने के बावजूद मांगें पूरी होने के बजाए जस की तस है. मंत्री लखमा, बीजापुर विधायक विक्रम भी इसके गवाह है, बावजूद सिलगेर ही नहीं एड्समेटा, सारकीनगुड़ा के पीड़ित भी न्याय के लिए आंदोलनरत हैं.
गीतों और नृत्य से न्याय की लगाई गुहार
कार्यक्रम स्थल पर ताड़ के पत्तों को छाकर छांयादार पंडाल नुमा बैठक की व्यवस्था की गई थी. मंच भी ऐसे ही तैयार किया गया था. तीन दिन तक चले कार्यक्रम में उद्बोधन के साथ मूलवासी बचाओ के संस्कृति कलामंच के सदस्य शोषण-उत्पीड़न पर आधारित गीतों पर नृत्य के जरिये न्याय के लिए लड़ाई की हुंकार भरते रहे.
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