प्रदीप मालवीय, उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण माह के दूसरे सोमवार को भस्म आरती की गई। सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भस्म आरती में शामिल होकर पुण्य लाभ कमाया। पंडित ने बताया कि भगवान भोलेनाथ को श्रावण माह अतिप्रिय है।श्रावण माह में भस्म आरती दर्शन से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती है।

बाबा महाकाल को किया गया भस्मीभूत। जल, दूध, दही के साथ चढ़ाया गया पंचामृत। बाबा महाकाल को सूखे मेवे का भोग लगाया गया। भस्म अर्पण करने के बाद बाबा महाकाल का नयनाभिराम श्रृंगार किया गया। हजारों की संख्या में भस्मारती शामिल हुए श्रद्धालु। झांझ, ढोल – मंजीरे की थाप के साथ हुई राजाधिराज बाबा महाकाल की भस्म आरती।

उज्जैन में बाबा महाकाल की भस्म आरती करते पंडित

इमरान खान, खंडवा। पवित्र श्रावण माह के दूसरे सोमवार खंडवा जिले की तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। सुबह से ही लोग दर्शन पूजन के लिए कतार में लगे रहे। इंदिरा सागर डैम और ओंकारेश्वर डैम के गेट खोले जाने के कारण नर्मदा नदी में स्नान और नौका विहार पर प्रतिबंध लगा है। इस कारण से श्रद्धालु मां नर्मदा में डुबकी तो नहीं लगा पाए लेकिन भगवान ओंकारेश्वर और ममलेश्वर दोनों ही मंदिरों में भक्तों की आस्था का सैलाब देखने को मिला।

खंडवा जिले में स्थित तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर

श्रावण माह में दोनों मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने भी सुरक्षा तथा लोगों को व्यवस्थित दर्शन करने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए। दूर-दूर से श्रद्धालु भोले बाबा के दर्शन करने के लिए ओंकारेश्वर पहुंचे। शिव पुराण के अनुसार द्वादश ज्योतिर्लिंग में ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग का चतुर्थ स्थान है। यहां भगवान ओंकारेश्वर मां नर्मदा के तट पर साक्षात विराजमान है। जानकारी पंडित डंकेश्वर दीक्षित ने दी।

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