रायपुर. राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) रायपुर में 11 से 13 जुलाई तक द्वितीय रिसर्च स्कॉलर्स कांक्लेव का आयोजन किया गया. यह तीन दिवसीय कार्यक्रम संस्थान के पीएचडी छात्रों के लिए विशेष रूप से एक बहुविषयी रिसर्च कांक्लेव के रूप प्रभावी साबित हुआ. कांक्लेव का मुख्य उद्देश्य छात्रों को उनके रिसर्च को प्रस्तुत करने के लिए एक मंच प्रदान करना रहा.

रिसर्च स्कॉलर्स कांक्लेव के समापन समारोह के मुख्य अतिथि संस्थान के निदेशक डॉ. एनवी रमना राव रहे. सम्मानिय अतिथि रजिस्ट्रार डॉ. पीवाई ढेकने रहे. कांक्लेव की आयोजन समिति के अध्यक्ष संस्थान के डीन (अनुसंधान और परामर्श) डॉ. प्रभात दीवान रहे तथा सदस्य इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अनामिका यादव, केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. जे. आनंदकुमार, बायोटेक इंजीनियरिंग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अवनीश कुमार, और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. तीरथ प्रसाद साहू रहे.

द्वितीय रिसर्च स्कॉलर्स कांक्लेव के समापन सत्र में सबसे पहले डॉ. तीरथ प्रसाद साहू द्वारा पिछले तीन दिनों तक चले कार्यक्रम का विवरण दिया गया. उन्होंने कांक्लेव की मुख्य बातें और प्रमुख उपलब्धियों के बारे में बताया. इसके बाद सभी गणमान्य अतिथियों द्वारा द्वितीय रिसर्च स्कॉलर्स कांक्लेव की पुस्तिका “अब्स्ट्रैकट ” का विमोचन किया गया. डॉ. पी. वाई. ढेकने ने कहा कि पिछले कांक्लेव की सफलता ने इस कांक्लेव में भाग लेने के लिए छात्रों को प्रेरित किया. उन्होंने पीएचडी छात्रों को उनके अद्वितीय कार्य के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने प्रस्तुति की महत्त्वपूर्णता पर जोर दिया और कहा कि बिना इसके, महत्वपूर्ण अनुसंधान प्रयासों वे मान्यता प्राप्त नहीं कर सकते हैं जो उन्हें प्राप्त होनी चाहिए. 200 से ज्यादा पेपर्स के प्रभावशाली सबमिशन के लिए डॉ. पी. वाई. ढेकने ने डीन (अनुसंधान और परामर्श) और आयोजन समिति को इस आयोजन की सफलता के लिए बधाई दी.

डॉ. एन. वी. रमना राव ने उच्च शिक्षा में अनुसंधान के महत्व पर जोर दिया. उनके अनुसार, संस्थान की गुणवत्ता सीधे रूप से उसके अनुसंधान कार्य से जुड़ी होती है. उन्होंने कहा कि पेपर स्वीकृति, अनुसंधान फंड प्राप्त करना और प्रभावी तथा तथ्यात्मक ढंग से दस्तावेज़ों को प्रस्तुत करना उन्होंने महत्वपूर्ण बताया. डॉ. राव ने शोधकर्ताओं को सलाह दी कि अचानक आए विचारों को नोट करें और अपने थीसिस लिखते समय संगठित दस्तावेज़ों का प्रयोग करें. उन्होंने शोधकर्ताओं को सही प्रक्रिया का पालन करने और अपने काम में नवाचार और रचनात्मकता को प्रोत्साहित करने की सलाह दी.

सम्मानीय अतिथियों ने विभिन्न समूहों के सर्वश्रेष्ठ रिसर्च पेपर को प्रमाण पत्र प्रदान किए, जिसमें समूह 1 में अप्लाइड जियोलॉजी विभाग के मि. तनवीर हैदर को प्रमाण पत्र मिला. समूह 2 में केमिकल इंजीनियरिंग विभाग की मिस. दिव्या खोसले को उनकी उत्कृष्ट प्रस्तुति के लिए प्रमाण पत्र मिला. समूह 3 में सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की मिस. अंजली रजक ने अपनी उन्नत प्रस्तुति के लिए प्रमाण पत्र प्राप्त किया. समूह 4 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के मि. निलेश जट्टा को उनकी प्रभावशाली प्रस्तुति के लिए प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ. अंतिम समूह में भौतिकी विभाग के मि. लभीश बैद को प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया.

कार्यक्रम का समापन डॉ. अनामिका यादव के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ किया गया, जिसमें उन्होंने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने अपनी उपस्थिति और समर्थन के साथ इस अवसर को सफल बनाया.