कुमार इंदर, जबलपुर। भारत सरकार द्वारा सरकारी विभागों में कामकाज में पारदर्शिता लाने और आम आदमी को जानकारी प्राप्त करने के लिए 2005 से सूचना का अधिकार अधिनियम लागू (RTI) किया गया। इस अधिनियम के तहत कोई भी व्यक्ति एक सादे कागज पर आवेदन के साथ 10 शुल्क देकर किसी भी सरकारी विभाग से जानकारी प्राप्त कर सकता है। वहीं कई मामलों में जनसूचना अधिकारी सामान्य जानकारी देने में भी आनाकानी करते हैं। वहीं कई विभाग नियमों का हवाला देकर आम आदमी को जानकारी देने में इतने हील हवाला करता है कि आरटीआई (TRI) लगाने वाला आवेदक जानकारी मांगना ही छोड़ देता है। इसी तरह के एक मामले में आम आदमी पार्टी ने मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है।

आम आदमी पार्टी के आरटीआई विंग के प्रदेश अध्यक्ष मनीष शर्मा ने मुख्य सचिव को लिखे पत्र में आरटीआई एक्ट की धारा 4 का पालन नहीं करने का आरोप लगाया है। उन्होंने पत्र में चेतावनी दी है कि RTI की धारा 4 का पालन नहीं किया गया तो हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की जाएगी। लिखा कि प्रदेश के अधिकतर अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा RTI की धारा 4 का पालन नहीं किया जा रहा है। योजनाओं की जानकारी, आय व्यय, ऐसे दस्तावेज, ऑडिट रिपोर्ट समय समय पर प्रकाशित करने की मांग की है। ऐसा करने से RTI लगाने वालों की संख्या में कमी आएगी।

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