jammu kashmir News: जम्मू कश्मीर में आतंकियों को जड़ से खत्म करने के लिए सेना लगातार काम कर रही है. इसी के तहत कश्मीर पुलिस की काउंटर इंटेलिजेंस विंग ने इस साजिश को डिकोड करते हुए साइबर जिहाद चलाने वाले पांच मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है. आतंकवादी समूहों के कमांडरों ने जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को चलाने के लिए अपने तौर-तरीके बदल दिए हैं, जिसे उन्होंने “साइबर जिहाद” नाम दिया है. वे युवाओं को ऑनलाइन कट्टरपंथी बनाने, गलत प्रोपगंडा फैलाने और स्थानीय युवाओं को आतंकी संगठन में भर्ती करने का काम करते हैं.

सुरक्षा एजेंसियों ने खुलासा किया है कि, जम्मू कश्मीर में सोशल मीडिया इंस्टाग्राम, फेसबुक, You Tube पर आतंकी आकाओं तारीफ की जा रही है और उससे फॉलोअर्स बढ़ाए जा रहे हैं और फॉलोअर्स बढ़ने के साथ-साथ पैसे की आमदनी की भी बढ़ी है.

पीटीआई रिपोर्ट के अनुसार सुरक्षा एजेंसियों ने कश्मीर घाटी के कुछ युवाओं में अलगाववादी और आतंकवादी हस्तियों का महिमामंडन करने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने के एक नए चलन का पर्दाफाश किया है. यह चलन वैचारिक प्रतिबद्धता के कारण, बल्कि फॉलोअर्स बढ़ाने और विज्ञापनदाताओं से पैसा कमाने की एक सोची-समझी रणनीति के रूप में शुरू की गई है.

श्रीनगर पुलिस कट्टरपंथ की प्रक्रिया का मुकाबला करने के लिए सोशल मीडिया साइटों पर नजर रखने की हर संभव कोशिश कर रही है. हाल में ऐसे अकाउंट चलाने वाले कुछ युवाओं को हिरासत में लेने के बाद उसे इस कार्यप्रणाली का पता चला है.

सोशल मीडिया पर भड़काऊ तस्वीरों का इस्तेमाल

पूछताछ के दौरान, युवाओं ने कथित तौर पर स्वीकार किया कि भड़काऊ तस्वीरों का इस्तेमाल किया जा रहा है. जैसे कि प्रतिबंधित हिज्बुल मुजाहिदीन के मारे गए आतंकवादी बुरहान वानी की तस्वीर का हाल में इस्तेमाल किया गया था. यह एक बड़ा और सक्रिय प्रशंसक आधार हासिल करने की एक सोची-समझी योजना थी.

इससे खेती के अतिरिक्त उन्हें विज्ञापनदाताओं से विज्ञापनों के लिए भुगतान प्राप्त करके अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स का लाभ उठाने में सक्षम बनाया.

अधिकारियों ने कहा कि बड़ी संख्या में फॉलोअर्स, खासकर सीमा पार और विदेशों से, मिलने के बाद, अकाउंट चलाने वाले इन तस्वीरों को पहाड़ों या चिनार के पेड़ों जैसी अन्य तस्वीरों से बदल देते थे.

उभरते रुझान से सुरक्षा बलों की बढ़ी चिंता

अधिकारियों ने आगे कहा कि यह उभरता रुझान चिंताजनक हो सकता है क्योंकि क्षेत्र में ऑनलाइन प्रचार का माहौल राजनीतिक विरोधियों, कट्टरपंथी तत्वों और ऑनलाइन प्रसिद्धि व धन कमाने के इच्छुक अवसरवादियों को नया अवसर प्रदान कर रहा है.

पुलिस अपनी निगरानी बढ़ाने और निजी लाभ के लिए संवेदनशील सुरक्षा स्थितियों का फायदा उठाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है. साथ ही परिवारों को यह समझाने का भी प्रयास किया जा रहा है कि इसका उनके बच्चों के भविष्य पर क्या प्रभाव पड़ेगा.

अधिकारियों ने बताया कि हाल ही में पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए सात बच्चों को उनके माता-पिता के सामने काउंसलिंग के बाद रिहा कर दिया गया. अधिकारियों का मानना है कि कश्मीर घाटी में भड़काऊ तस्वीरों का इस्तेमाल करने वाले सोशल मीडिया प्रभावशाली लोगों के उदय के पीछे की मंशा वित्तीय है.

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