दिल्ली के लाल किला के पास कल शाम हुए विस्फोट के बाद राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। इसका सीधा असर दिल्ली हाई कोर्ट(Delhi High Court) परिसर में भी दिखा। हाई कोर्ट में बिना आई-कार्ड किसी भी व्यक्ति को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। साथ ही, वाहनों की मिरर चेकिंग और बैरियर जांच के बाद ही एंट्री दी जा रही है। कोर्ट परिसर के सभी 13 प्रवेश द्वारों पर दिल्ली पुलिस और सुरक्षा विंग के अतिरिक्त जवान तैनात कर दिए गए हैं। सूत्रों के अनुसार, सुरक्षा एजेंसियों ने कोर्ट परिसर के भीतर और बाहर फुट पेट्रोलिंग, डॉगर स्क्वॉड और CCTV मॉनिटरिंग भी बढ़ा दी है।

हाई कोर्ट के गेट नंबर-5 पर सुरक्षा कर्मी मुस्तैद दिखाई दिए। यहाँ सभी वाहनों को मिरर चेकिंग के बाद ही भीतर जाने की अनुमति दी जा रही है। अधिवक्ताओं, वादी-प्रतिवादियों और कर्मचारियों को आई-कार्ड और पहचान पत्र दिखाने के बाद ही प्रवेश दिया जा रहा है। गेट पर स्कैनर मशीन और मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं, जबकि कोर्ट परिसर में अलग-अलग ब्लॉक की ओर जाने से पहले भी दस्तावेजों की दोबारा जांच की जा रही है। दिल्ली हाई कोर्ट में कुल 13 मुख्य गेट हैं और सभी पर दिल्ली पुलिस तथा सिक्योरिटी विंग के अतिरिक्त जवान तैनात किए गए हैं, ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि को रोका जा सके।

दिल्ली हाई कोर्ट के गेट नंबर-5 की सुरक्षा व्यवस्था को इसलिए भी बेहद संवेदनशील माना जाता है, क्योंकि यहीं पर 7 सितंबर 2011 को बम धमाका हुआ था। इस हमले में 11 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 50 से अधिक लोग घायल हो गए थे। इसी इतिहास को देखते हुए गेट नंबर-5 पर विशेष चौकसी हमेशा बनी रहती है। वर्तमान में दिल्ली उच्च न्यायालय की सुरक्षा के लिए दिल्ली पुलिस के जवानों के साथ राजस्थान आर्म्ड कांस्टेबुलरी (RAC) के सुरक्षाकर्मी भी तैनात हैं।

पटियाला हाउस कोर्ट परिसर में भी सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया गया है। कोर्ट के गेट नंबर 1 से लेकर गेट नंबर 13 तक दिल्ली पुलिस के जवानों के साथ अर्द्धसैनिक बल के सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। गेट नंबर 1, 4, 5, 6, 8 और 10 पर प्रवेश के दौरान वाहनों और व्यक्तियों की सख्त जांच की जा रही है। अंदर प्रवेश करने वाले लोगों के सामान की स्कैनिंग के लिए एक्स-रे स्कैनर लगाए गए हैं, जबकि प्रत्येक व्यक्ति को मेटल डिटेक्टर से गुजरना अनिवार्य किया गया है। सुरक्षा व्यवस्था के तहत बिना आईकार्ड या मान्य पहचान पत्र के किसी को भी कोर्ट परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही है।

नई दिल्ली बार एसोसिएशन के सचिव तरुण राणा ने कहा कि सोमवार को लाल किले के पास हुए विस्फोट के बाद पूरी राजधानी हाई अलर्ट पर है। ऐसे में अदालत परिसरों में सुरक्षा को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरती जाएगी। उन्होंने बताया कि सभी सुरक्षा कर्मियों को स्पष्ट निर्देश दे दिए गए हैं कि बिना आईकार्ड के किसी भी अधिवक्ता या आम व्यक्ति को प्रवेश न दिया जाए। प्रवेश द्वारों पर स्कैनर मशीन और मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं और प्रत्येक वाहन की मिरर चेकिंग की जा रही है। तरुण राणा ने कहा कि अदालत परिसर एक संवेदनशील क्षेत्र है, इसलिए सुरक्षा उपायों में किसी भी तरह की ढील नहीं दी जाएगी।

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