जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के छात्रू क्षेत्र में सुरक्षाबलों ने बड़ी कामयाबी हासिल की है. एक सर्च एंड डिस्ट्रॉय अभियान के दौरान, उन्होंने तीन आतंकियों को मार गिराया है, जिन पर पांच-पांच लाख रुपये का इनाम था. यह अभियान 9 अप्रैल से चल रहा था, जिसमें शुक्रवार को पहले एक आतंकी को ढेर किया गया था, और अब दो और आतंकियों को समाप्त किया गया है. सूत्रों के अनुसार, मारे गए आतंकियों में जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख कमांडर सैफुल्लाह भी शामिल है. वर्तमान में, पूरे क्षेत्र में तलाशी अभियान जारी है और सुरक्षाबल सतर्कता बरत रहे हैं ताकि कोई अन्य आतंकी छिपा न रह सके.

सेना ने 9 अप्रैल से किश्तवाड़ के छात्रू जंगल में सर्च अभियान शुरू किया था. गुरुवार को सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसके बाद सुरक्षाबलों ने पूरे क्षेत्र को घेर लिया और सर्च ऑपरेशन जारी रखा. अन्य आतंकियों की खोज में सेना, पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों के साथ पैरा कमांडो भी शामिल हैं. आतंकियों का खात्मा करने के लिए रामनगर थाना के प्रभारी पूर्व सिंह भी पुलिस बल के साथ सक्रिय हैं.

रिपोर्ट्स के मुताबिक मुठभेड़ वाली जगहों से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी बरामद हुआ है. उधमपुर और किश्तवाड़ जिलों में आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों ने बड़ा अभियान चलाया है. खुफिया जानकारी से पता चला है कि सीमा पार से आए आतंकवादी इन इलाकों में छिपे हुए हैं. सुरक्षाबलों को पता चला कि उधमपुर के बसंतगढ़ तीन आतंकवादी एक ग्रामीण के घर में घुस गए और जबरन उसके घर से खाने का सामान, मोबाइल फैन, बैग, जूते और छाता लेकर भाग गए. वहीं 3 अप्रैल को भी मजालता ब्लॉक में आतंकवादियों ने एक परिवार को बंधक बना लिा और फिर उनका मोबाइल फोन लेकर भाग गए.

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रिपोर्टों के अनुसार, मुठभेड़ स्थलों से बड़ी संख्या में हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए हैं. उधमपुर और किश्तवाड़ जिलों में आतंकवादियों के खिलाफ सुरक्षाबलों ने एक महत्वपूर्ण अभियान चलाया है. खुफिया सूचनाओं से यह स्पष्ट हुआ है कि सीमा पार से आए आतंकवादी इन क्षेत्रों में छिपे हुए हैं. सुरक्षाबलों को जानकारी मिली कि उधमपुर के बसंतगढ़ में तीन आतंकवादी एक ग्रामीण के घर में घुसकर जबरन खाने का सामान, मोबाइल फैन, बैग, जूते और छाता चुरा ले गए. इसके अलावा, 3 अप्रैल को मजालता ब्लॉक में आतंकवादियों ने एक परिवार को बंधक बना लिया और उनके मोबाइल फोन भी चुरा लिए.

23 मार्च को आतंकवादी हीरानगर के सानियाल क्षेत्र में पहली बार देखे गए, जिसके बाद सुरक्षाबलों ने उस क्षेत्र की तलाशी अभियान शुरू किया. 27 मार्च को सूफैन के जंगलों में हुई मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए, जबकि चार पुलिसकर्मी शहीद हो गए. इसी दौरान, आतंकवादियों की घुसपैठ को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तानी सेना ने अखनूर में सीजफायर का उल्लंघन किया, लेकिन हमारे जवानों ने इस प्रयास को विफल कर दिया. इस गोलीबारी में एक जेसीओ गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें हेलिकॉप्टर के माध्यम से अस्पताल भेजा गया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी.

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23 मार्च को आतंकवादियों की पहली बार उपस्थिति हीरानगर के सानियाल में देखी गई. इसके बाद सुरक्षाबलों ने इस क्षेत्र में तलाशी अभियान शुरू किया. 27 मार्च को सूफैन के जंगलों में हुई मुठभेड़ में दो आतंकवादियों को मार गिराया गया, जबकि चार पुलिसकर्मी शहीद हो गए. शुक्रवार की रात को आतंकवादियों की घुसपैठ के प्रयास में पाकिस्तानी सेना ने अखनूर में सीजफायर का उल्लंघन किया, लेकिन जवानों ने इस प्रयास को विफल कर दिया. इस गोलीबारी में एक जेसीओ गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें हेलिकॉप्टर से अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी.

अधिकारियों के अनुसार, सतर्क जवानों ने शुक्रवार रात केरी भट्टल क्षेत्र के अग्रिम वन क्षेत्र में एक नाले के निकट भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों के एक समूह का सामना किया और उन्हें चुनौती दी. इसके परिणामस्वरूप एक भीषण गोलीबारी हुई, जो काफी समय तक चलती रही. अधिकारियों ने बताया कि इस मुठभेड़ में एक जेसीओ घायल हुए, जो बाद में अपनी जान गंवा बैठे. उन्होंने यह भी कहा कि पूरे क्षेत्र को घेर लिया गया है, अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं, और अंतिम रिपोर्ट आने तक तलाशी अभियान जारी रहेगा.

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11 फरवरी को इसी क्षेत्र में आतंकवादियों द्वारा किए गए एक विस्फोट में एक कैप्टन सहित दो सैन्यकर्मी शहीद हो गए और एक अन्य घायल हो गया. यह घटना भारत और पाकिस्तान के बीच जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में सीमा प्रबंधन से संबंधित मुद्दों पर ब्रिगेड कमांडर स्तर की फ्लैग मीटिंग के दो दिन बाद हुई. सीमा पार से गोलीबारी की लगभग एक दर्जन घटनाओं और एक आईईडी हमले के बाद तनाव कम करने के प्रयास में यह फरवरी के बाद से दूसरी बैठक थी. भारतीय सेना ने सीमा पार से होने वाली आतंकवादी गतिविधियों और संघर्ष विराम उल्लंघन के खिलाफ अपने समकक्षों के समक्ष कड़ा विरोध व्यक्त किया है.

आतंकी गतिविधियों के लिए सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी

जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को नियंत्रित करने और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए सेना ने राष्ट्रीय राजमार्ग 44 (एनएच-44) पर सुरक्षा उपायों को और अधिक सुदृढ़ किया है. यह राजमार्ग केंद्र शासित प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों को आपस में जोड़ता है. आतंकवादियों द्वारा हथियारों और अन्य सामान की तस्करी को रोकने के लिए सेना ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं.

सेना ने राजमार्ग पर गश्त को दिन-रात बढ़ा दिया है, विशेष रूप से संवेदनशील क्षेत्रों और महत्वपूर्ण स्थलों पर निगरानी रखी जा रही है. जम्मू-कश्मीर पुलिस के सहयोग से कई स्थानों पर मोबाइल वाहन चेक पोस्ट (एमवीसीपी) स्थापित किए गए हैं. ये चेक पोस्ट आकस्मिक जांच करते हैं, जिससे आतंकवादियों के लिए इस मार्ग का दुरुपयोग करना कठिन हो गया है. यहां संदिग्ध वाहनों और व्यक्तियों की जांच की जा रही है.