नई दिल्ली . दिल्ली उच्च न्यायालय ने कॉलेज में आयोजित उत्सवों की सुरक्षा में सेंधमारी की घटनाओं का स्वत संज्ञान लिया है. उच्च न्यायालय ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि कॉलेज उत्सवों में छात्राओं की सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम होने चाहिए.
उच्च न्यायालय का यह निर्देश आईआईटी दिल्ली में हुई घटना के बाद आया है. इसमें डीयू की कई छात्राओं ने आरोप लगाया है कि संस्थान में आयोजित एक फैशन शो के दौरान आईआईटी दिल्ली के वॉशरूम में कपड़े बदलते समय गुप्त रूप से उनका वीडियो बनाया गया था.
मुख्य न्यायाधीश सतीश शर्मा की अध्यक्षता वाली पीठ ने अपने आदेश में कहा कि यह जरूरी है कि सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए जाएं, ताकि छात्र-छात्राओं को सुरक्षा में सेंधमारी की ऐसी घटनाओं का सामना न करना पड़ा.
उच्च न्यायालय के समक्ष इससे पहले फरवरी 2020 में दिल्ली विश्वविद्यालय के गार्गी कॉलेज में आयोजित एक सांस्कृतिक उत्सव के दौरान छात्राओं के कथित यौन उत्पीड़न का मामला भी सामने आया था. उसने कहा कि दुर्भाग्य से इस अदालत के सामने ऐसे आयोजनों के दौरान छात्राओं के उत्पीड़न के कई और मामले आ रहे हैं. उच्च न्यायालय ने कहा कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति आयोजकों के उदासीन रवैये को दर्शाती है, जिनका कार्य कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले छात्र-छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है.
संस्थानों से रिपोर्ट मांगी
पीठ ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली, इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय और दिल्ली विश्वविद्यालय को नोटिस जारी किया है. उनसे उत्सवों के दौरान किए जाने वाले सुरक्षा उपायों के बारे में मौजूदा नीति का विवरण देने को कहा है. आईआईटी दिल्ली में हाल ही में हुई घटना को लेकर अदालत ने पुलिस से कार्रवाई रिपोर्ट दो हफ्ते में दाखिल करने का निर्देश दिया. उच्च न्यायालय ने मामले में दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को भी नोटिस जारी किया है. मामले की अगली सुनवाई 10 नवंबर को होगी.