कोरबा। जिले में श्रेष्ठ सुरक्षाकर्मी का पुरस्कार जीतने वाले जयपाल बंजारे को लापरवाही के आरोप में तंग किया जा रहा है. छुट्टीयों को काटा जा रहा है. जिससे उसे और उसके परिवार के सामने आर्थिक समस्याएं खड़ी हो रही हैं और परिवार के साथ धरने पर बैठना पड़ गया. सुरक्षाकर्मी बंजारे का कहना है कि चोरियों को रोकने के कारण उसकी उपस्थिति काटी जा रही है और उसे नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. काफी समय से इस तरह की कार्रवाई करने से उसके आर्थिक हितों पर असर पड़ रहा है. दूसरी ओर इस मामले को लेकर कॉलरी मैनेजर का कहना है कि एक मामले में पुलिस ने जानकारी देने बुलाया था संबंधित प्रहरी वहां पर नहीं जा रहा है. इसके अलावा यह मामला और कुछ नहीं है.

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जयपाल बंजारे ने बताया कि खदान में आए दिन चोरी की घटनाएं होती हैं। यहां पर वह अपना काम करता है और चोरी रोकने के लिए कोशिश करता है. लेकिन ऐसे ही मामलों में अधिकारी अनावश्यक उसकी हाजिरी काट देते हैं. बार-बार ऐसा होने से उसके सामने परेशानियां खड़ी हो रही हैं. बाकी मोगरा से पहले एसईसीएल की मानिकपुर परियोजना में काम कर चुके जयपाल बंजारे को श्रेष्ठ सुरक्षाकर्मी का पुरस्कार मिल चुका है. बंजारे ने कहा कि अगर वह काम के प्रति ईमानदार नहीं होता तो प्रबंधन उसे कुछ वर्ष पहले पुरस्कार क्यों देता.

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कोल खदानों में चोरी की घटनाओं के कारण प्रबंधन को हर महीने लाखों नहीं बल्कि करोड़ों की हानी हो रही है. चोरियों को रोकने के लिए सुरक्षा के स्तर पर कई प्रबंध किए गए हैं लेकिन बहुत ज्यादा परिणाम सामने नहीं आ पा रहे हैं. इसके ठीक उल्टे एसईसीएल बाकीमोगरा से संबंधित एक मामले में सुरक्षा प्रहरी जयपाल बंजारे अपने परिवार के साथ माइंस के मेन गेट के सामने धरने पर बैठ गया है. उसके द्वारा यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि प्रबंधन की ओर से बार-बार उसकी हाजिरी काटी जा रही है. ऐसा करने के पीछे तर्क दिया जा रहा है कि चोरी के मामलों में सामान जब्त नहीं करना है। ऐसा करने से कई दिक्कतें होती हैं.

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इस संबंध में फोन पर एसईसीएल बाकी मोगरा के कॉलरी मैनेजर जीएस ठाकुर से बातचीत की गई और उनका पक्ष जाना गया तो उन्होंने कुछ अलग कहानी बताई. कोलियरी मैनेजर का कहना है चोरी रोकने के लिए किसी को भी मना नहीं किया गया है और ना ही किसी प्रकार की दिक्कतें पैदा की जा रही हैं. यह जरूर है कि ऐसे मामले के बारे में पुलिस को जानकारी देना होता है. चोरी के अन्य मामलों में दूसरे सुरक्षाकर्मी पुलिस थाना जा चुके हैं लेकिन जयपाल बंजारे बार-बार बोलने पर भी नहीं जा रहा है. इसी वजह से उसकी हाजिरी ब्रेक की गई है। इससे अलग मामला और कुछ नहीं है.

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कोलियरी मैनेजर ठाकुर ने यह भी बताया कि पुलिस जब किसी मामले में अधिकारी को उपस्थित होने के लिए कहती है तो हमारी तरफ से प्रतिनिधि के रूप में सुरक्षा विभाग के हवलदार ही थाने पहुंचते हैं. कारण चाहे जो भी हो एसईसीएल का सुरक्षाकर्मी जयपाल बंजारे अपनी हाजिरी काटे जाने से नाराज होकर धरने पर बैठ गया है. उसका कहना है कि समस्या का समाधान नहीं होने तक प्रदर्शन जारी रखा जाएगा. इस घटनाक्रम को लेकर प्रबंधन ने अपना पक्ष रखा है और स्थिति को साफ करने की कोशिश की है.

इसके बावजूद एक बात तो साफ है कि कोयला खदानों में चोरी की घटनाएं काफी समय से हो रही हैं, इसकी पूरी जानकारी अधिकारियों को है. यह बात अलग है कि सीमित संख्या में ही ऐसे प्रकरण पुलिस के पास पहुंच रहे हैं. इसके पीछे प्रबंधन की मजबूरी आखिर क्या है, उसे अधिकारियों के अलावा और कोई नहीं जानता.