रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कहते हैं बदलबो छत्तीसगढ़… डीजीपी डीएम अवस्थी कहते हैं बदलबो पुलिस.. लेकिन छत्तीसगढ़ पुलिस क्या अपना चेहरा बदली.. गृहमंत्री जी आप भी देखिये.. डीजीपी साहब आप भी देखिये.. क्या यही है बदली हुई आपकी पुलिस और उसका चेहरा.. क्या छत्तीसगढ़ पुलिस इसी मॉडल पर आगे बढ़ेगी.. लोग कहते हैं खाकी न बदली थी और न बदलेगी.. पुलिस कस्टडी में पंकज बेग की मौत का दाग अभी पुलिस के दामन से साफ भी नहीं हुआ था कि एक बार फिर उसका अमानवीय चेहरा बेनकाब हुआ है..

सूबे के मुंगेली जिले से एक वीडियो प्रदेश भर में वायरल हो रहा है.. वायरल वीडियो में पुलिस वाले बड़ी बेरहमी से एक युवक की पिटाई कर रहे हैं. पहले सिपाही पीटते हैं.. फिर टीआई भी पहुंच जाते हैं और अपनी वर्दी की हनक दिखाते हुए लातों से मारने लगते हैं… आम आदमी हो या फिर अपराधी.. बीच सड़क में आपको किसी को बेरहमी से पीटने का अधिकार किसने दिया.. कानून की किस किताब में लिखा है कि खाकी वर्दी को गुंडागर्दी करने की छूट है… उसे लायसेंस मिला है.. कभी भी.. कहीं भी.. किसी को भी.. चाहे थाने के भीतर हो.. या फिर बीच सड़क पर.. चौक-चौराहों पर.. किसी को भी पीटना शुरु कर दे… डीजीपी साहब कानून की यह कौन सी किताब है जिसमें ऐसी छूट खाकी वर्दी पहनने वालों को मिली है..

वीडियो में जो टीआई दिख रहे हैं उनका नाम आशीष अरोरा है… अच्छा होता कि वो अपने सिपाहियों को मारपीट करने से रोकते.. अगर उस व्यक्ति ने कोई गुनाह किया था तो उसे वहां से ले जाते और उस पर कानून के तहत कार्रवाई करते लेकिन टीआई साहब खुद मारपीट कर रहे हैं…

अब सुनिये जिले के पुलिस कप्तान क्या कहते हैं.. एसपी साहब कहते हैं वीडियो वायरल हुआ है, हम उसमें जांच कराएंगे.. लेकिन पहलू यह है कि दो युवक थे.. दोनों शराब के नशे में थे, चौक वालों ने पुलिस को सूचित किया था जिससे पुलिस वाले पहुंचे थे..   टीआई और स्टाफ के ऊपर कार्रवाई करने की बजाय एसपी साहब पहलू बता रहे हैं..अब ऐसे में सवाल तो यही उठता है कि वो जांच क्या कराएंगे और कार्रवाई क्या करेंगे.. आपकी नजर में बीच सड़क पर लात जूतों से पीटना गुनाह नहीं है लेकिन शराब पीना घटना का पहलू है.. एसपी साहब आपकी जानकारी में बता दूं कि सरकार ही शराब बेच रही है… और शराब पीना अभी तक गुनाह भी नहीं है..

देखिये वीडियो

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