रायपुर. बीज निगम की विवादित आरसी प्रक्रिया को लेकर एक वरिष्ठ आईएएस ने नियम विरुद्ध बताया है। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार रायपुर में आगामी वर्ष की खरीदी पर एक विभाग की चर्चा के दौरान इस आईएएस ने कहा कि अगर खरीदी बीज निगम से करनी है तो पहले छत्तीसगढ़ भंडारण क्रय नियम 2002 में संशोधन करना होगा.
सूत्रों के मुताबिक आईएएस ने चर्चा में कहा है बीज निगम से खरीदी पूरी तरह से अवैध और गैर कानूनी है। उन्होंने कहा कि राज्य में ”छत्तीसगढ़ भंडार क्रय नियम 2002” में जिन एजेंसियों के माध्यम से खरीदी का प्रावधान है, उसमें बीज विकास निगम का ज़िक्र तक नहीं है.
सूत्रों के मुताबिक खरीद की प्रक्रिया को लेकर आईएएस के सवाल उठाने पर अब सरकार के कई महकमे पशोपेश की स्थिति में होंगे. क्योंकि नए सामानों की खरीदी रेट कॉन्ट्रैक्ट के ज़रिए बीज निगम से करना है.
दरअसल, बीज विकास निगम कई विभागों के ज़रूरत का सामान रेट कॉन्ट्रैक्ट करके निर्धारित दर पर खरीदी करके मुहैया कराता है। इसमें खाद और बीज के अलावा कई ऐसे समान हैं जिनका कोई सरोकार निगम से नहीं है। ये व्यवस्था कई साल से बनी हुई है.
छत्तीसगढ़ राज्य बीज विकास निगम के एमडी नरेंद्र दुग्गा से पूछा गया कि जब भंडार क्रय नियम में छत्तीसगढ़ बीज विकास निगम से खरीदी का प्रावधान नहीं है तो फिर किस आधार पर खरीदी होती है। इस पर उन्होंने कहा कि बीज निगम जो रेट कॉन्ट्रैक्ट करता है। दुग्गल का कहना है कि छत्तीसगढ़ शासन ने एक सर्कुलर जारी किया था जिसके आधार पर बीज निगम रेट कॉन्ट्रैक्ट करता है। उन्होंने ये भी कहा कि रेट कॉन्ट्रैक्ट के ज़रिए खरीदी बीज निगम के माध्यम से ही होता है.