ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि कार्य के लिए मजदूरों की कमी एक बड़ी समस्या बन गई है. इसका हल एक इंजीनियर ने ढूंढ निकाला है. उन्होंने बिना ईंधन के चलने वाली अनूठी सीडिंग मशीन विकसित की है. इस मशीन से आठ घंटे में चार एकड़ जमीन पर बुआई की जा सकती है. मैकेनिकल इंजीनियर ओमप्रकाश देशमुख ने इस बुआई मशीन को बनाया है. यह मशीन छोटे किसानों के लिए फायदेमंद हो सकती है. ग्रामीण इलाकों में पैसा खर्च करने के बाद भी खेतों में काम करने के लिए मजदूर नहीं मिलते. इसलिए, बुआई के मौसम में, छोटे किसानों को भारी नुकसान होता है.

ऐसे किसानों के लिए नागपुर के इंजीनियर ओमप्रकाश देशमुख की यह मशीन मुफीद हो सकती है। इस मशीन से कुल 30 प्रकार के बीज बोए जा सकते हैं. इसमें एक टैंक है जिसमें एक बार में तीन किलोग्राम बीज रखा जा सकता है. प्रत्येक बीज के आकार के अनुसार अलग-अलग डिस्क हैं. बोने के लिए किसानों के लगातार झुकने से कमरदर्द जैसे रोग हो जाते हैं. इस मशीन से बुआई करने के लिए सीधे हो कर चलना पड़ता है.

सरकी बोने की मशीन सात हजार रुपये की है. यह एक साथ बीज और उर्वरक बुआई के लिए दो टैंक सीडर के साथ आता है. इसकी कीमत 10 हजार रुपये है. इस मशीन से खेती करना आसान है. इस मैनुअल सीड ड्रिल मशीन में 12 दांत होते हैं.

देशमुख ने कहा कि यह छोटे किसानों के लिए फायदेमंद है। आमतौर पर एक दिन में बुआई के लिए सात महिलाओं की जरूरत होती है. अगर इन महिलाओं को 200 रुपये प्रति व्यक्ति की दर से भुगतान किया जाता है तो साढ़े तीन एकड़ की लागत 1400 रुपये प्रतिदिन आती है. कुल खर्चा करीब 7 से 8 हजार रुपये आता है. इसके उलट बुआई की मशीन सात हजार रुपये में मिल जाती है. मशीन पर खर्च किया पैसा साल भर में वसूल हो जाता है. आप अपना काम पूरा होने के बाद अन्य किसानों को मशीन किराये पर देकर भी आय अर्जित कर सकते हैं.