बच्‍चे हमेशा पेरेंट्स के लाड़ और प्‍यार के भूखे होते हैं. माता-पिता के रूप में आप हमेशा यही चाहते हैं कि आप अपने बच्‍चे के लिए सबसे अच्‍छा करें. आप चाहते हैं कि वे खुश व स्‍वस्‍थ रहें और जीवन में सफल हों. बच्‍चों की ख्‍वाहिशें और जरूरतों को पूरा करने के चक्‍कर में कई बार पेरेंट्स बच्‍चों को पर्याप्‍त समय और वो प्‍यार नहीं दे पाते, जिसकी उन्‍हें आवश्‍यकता होती है. ऐसे में बच्‍चे पेरेंट्स का प्‍यार और साथ पाने के लिए ऐसा व्‍यवहार करने को मजबूर हो जाते हैं, जो उन्‍हें जिद्दी और बागी बना सकता है.

इसलिए जरूरी है कि बच्‍चों द्वारा किए जाने व्‍यवहार और लक्षणों को पेरेंट्स समझें और उसे नजरअंदाज करने की भूल न करें. तो चलिए जानते हैं बच्‍चे के ऐसे संकेतों के बारे में, जिससे पता लगाया जा सकता है कि आपके बच्‍चे को अधिक प्‍यार और अपनेपन की आवश्‍यकता है.

घर या स्‍कूल में नखरे करना

बच्‍चे अपनी भावनाओं को प्रकट करने के लिए कई तरीके अपना सकते हैं. जैसे स्‍कूल या घर में ड्रामा करना, दोस्‍तों और भाई-बहनों के साथ झगड़ा करना या नखरे दिखाना. यदि आपके बच्‍चे में ऐसे संकेत या लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो समझिए उसे आपके एक्‍स्‍ट्रा प्‍यार की आवश्‍यकता है. बच्‍चे हमेशा ही पेरेंट्स का अटेंशन गेन करने की कोशिश करते हैं, जिसके लिए वह अपने व्‍यवहार के विरुद्ध भी जा सकते हैं.

हमेशा दुखी दुखी रहना

बच्‍चे कई बार उपेक्षित महसूस कर सकते हैं. उन्‍हें लगता है कि पेरेंट्स उन्‍हें पर्याप्‍त समय और प्‍यार नहीं दे रहे हैं. ऐसे में वे छोटी-छोटी बातों पर रोने लगते हैं या नाराजगी दर्शाने लगते हैं. इससे बच्‍चे में असुरक्षा और लो-कॉन्‍फीडेंस की भावना पैदा हो सकती है. वह अधिकतर अकेला और दुखी महसूस करते हैं.

दूसरों से ईर्ष्‍या करे

यदि आपका बच्‍चा उन लोगों से ईर्ष्‍या करता है, जो उससे अधिक आपका ध्‍यान आ‍कर्षित करते हैं जैसे-छोटा या बहन, तो ये एक संकेत है कि वे आपका अधिक अटेंशन पाना चाहता है. पेरेंट्स को ये सुनिश्चित करना जरूरी है कि प्रत्‍येक बच्‍चे को पर्याप्‍त व्‍यक्तिगत समय और ध्‍यान दें, ताकि बच्‍चा उपेक्षित और अकेला महसूस न करे.

एडजस्‍ट न करना

जब बच्‍चा परिवार या दोस्‍तों के साथ रहने से इंकार करे या उनसे दूरी बना ले, तो समझिए वे आपका ध्‍यान आ‍कर्षित करने की कोशिश कर रहा है. बच्‍चों को ऐसा लग सकता है कि वह आपका ध्‍यान आ‍कर्षित करने के लिए दूसरों से प्रतिस्‍पर्धा कर सकते हैं. उनके साथ एडजस्‍ट करने में परेशानी महसूस कर सकते हैं. ऐसे में जरूरी है कि पेरेंट्स बच्‍चों की बात समझें और कुछ समय उनके साथ बिताएं.

दूसरों को तंग करना

जब आपका बच्‍चा जरूरत से ज्यादा तंग करने लगे, तो समझिए आपको उसे अधिक प्‍यार और ध्‍यान देने की आवश्‍यकता है. हो सकता है कि बच्‍चा हर समय आपकी गोद में बैठना चाहे, आपके बिस्‍तर पर सोना चाहे या हमेशा आपके आसपास रहना चाहे. जब आप दूसरों से बात कर रहे हों या अन्‍य गतिविधियों में लगे हों, तो वे आपको डिस्‍टर्ब करने का प्रयास करे. ऐसा व्‍यवहार बच्‍चा पेरेंट्स का अटेंशन पाने के लिए करता है.

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