नई दिल्ली. साल 2013 में आई बॉलीवुड की सुपरहिट फिल्म ‘स्पेशल 26’ में कुछ नकली अफसर फर्जी सीबीआई टीम बनाकर रसूखदारों पर छापा मारते थे. राजधानी दिल्ली में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है, लेकिन यहां कर्मचारी असली थे जोकि फर्जी टीम बनाकर एक व्यापारी के घर छापा मारने पहुंच गए.

सात लोगों की इस टीम ने कालाधन मिलने की उम्मीद में जनकपुरी स्थित एक बड़े कारोबारी के घर छापा मारा. जब इनके हाथ कुछ नहीं लगा तो ये धमकी देकर चले गए. हालांकि कारोबारी ने तुरंत इसकी शिकायत की और पुलिस ने एक हेडकांस्टेबल और आयकर विभाग के अफसर समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. फरार तीन आरोपियों की तलाश जारी है.

लिफ्ट का बिजनेस जनकपुरी में रहने वाले 61 वर्षीय कुलजीत सिंह का एलीवेटर और लिफ्ट लगाने का कारोबार है. इनका दफ्तर नोएडा में है. परिवार में पत्नी रबिंदर कौर, बेटे शरणदीप सिंह सहगल और रतनदीप सिंह सहगल, दो बहू और चार पोते-पोतियां हैं. पीड़ित के मुताबिक, एक अगस्त की सुबह वह दफ्तर के लिए रवाना हुए. तभी उनके घर में आयकर विभाग की टीम बताकर सात लोग घुस गए. इसमें एक शख्स ने दिल्ली पुलिस की वर्दी पहनी हुई थी. उन्होंने आयकर विभाग का पहचान पत्र दिखाया और तलाशी करने लगे.

जमीन की सौदेबाजी के बारे में पूछताछ छापा मारने वाली टीम ने सभी परिजनों और सिक्योरिटी गार्ड के फोन रखवा लिए. इसके बाद परिवार से हापुड़ में खरीदी गई जमीन के बारे में पड़ताल की गई. कुछ देर तक घर की तलाशी करने के बाद जब कुछ नहीं मिला तो धमकी देकर चले गए. पीड़ित ने दिल्ली पुलिस में तैनात अपने परिचित एसीपी को इसकी जानकारी दी. एसीपी ने जनकपुरी थाने में पूछा, लेकिन थाने में इस बारे में जानकारी नहीं थी. इसके बाद पीड़ित ने बुधवार को जनकपुरी थाने में शिकायत दी, जिस पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया.

सीसीटीवी फुटेज से खुला राज

पीड़ित के घर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में घटनाक्रम कैद हो गया. एसएचओ जनकपुरी अंतरिक्ष आलोक की टीम ने जांच शुरू की. कैमरे में हेडकांस्टेबल एसयूवी से निकलता दिखा. वाहन के रजिस्ट्रेशन का पता किया तो कार क्राइम ब्रांच में तैनात हेडकांस्टेबल कुलदीप सिंह की निकली. पुलिस ने गुरुवार को कुलदीप को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद आयकर अधिकारी दीपक कश्यप व अन्य दो भी पकड़े गए.

मोटी रकम मिलने की उम्मीद थी

दीपक कश्यप आयकर विभाग की विजिलेंस शाखा में तैनात एक अधिकारी का पीए है. उसने यहां से बड़े कारोबारियों के बारे में जानकारी लेकर फर्जी छापे की योजना तैयार की थी. उसे सूचना थी कि कुलजीत सिंह के घर में कम से कम हजार करोड़ रुपये का कालाधन है. उसने अपनी योजना में बचपन के दोस्त कुलदीप को शामिल कर लिया था. फिलहाल पुलिस गिरोह के तीन सदस्यों की तलाश कर रही है.

छापे के बाद जी-20 की ब्रिफिंग में गया था कुलदीप हेडकांस्टेबल कुलदीप मंगलवार को छापे की कार्रवाई करने के बाद अपने दफ्तर गया. फिर वहां से वह प्रगति मैदान जी-20 की ब्रिफिंग में गया. वह बुधवार को भी सामान्य गतिविधि रखते हुए अपने दफ्तर गया, जहां से उसे दबोच लिया गया.

अब तक कितने बनाए शिकार, जांच जारी

पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि अब तक आरोपियों ने कितने लोगों को इस तरह शिकार बनाया. आशंका है कि इन्होंने पहले भी इस तरह की वारदात को अंजाम दिया होगा. हालांकि, अभी आरोपियों का ऐसा कोई इतिहास नहीं मिला है.