मुकेश मेहता, बुधनी (सिहोर)। सिहोर जिला कोर्ट ने झोलाछाप डॉक्टर को दो अलग-अलग धाराओं में 3-3 साल की सजा सुनाई है। वहीं फर्जी डॉक्टर को 14 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है। झोलाछाप डॉक्टर बगैर डिग्री के फर्जी क्लिीनिक चला रहा था। न्यायलय में सभी साक्ष्यों के आधार पर अपर सत्र न्यायधीश से आरोपी को फर्जी डिग्री का दोषी पाते हुए मंगलवार को सजा सुनाई।
दरअसल पूरा बुधनी के शाहगंज नगर का है। आरोपी के खिलाफ 9 मई को बुदनी थाने में की गई थी। थाने में शिकायत की गई थी कि बगैर डिग्री इलाज करने बाले को सज़ा पूनम चंद साहू ऐलोपैथिक की डिग्री न होने के बाद भी ऐलोपैथिक इलाज कर रहा है। इससे मरीजों की जान को खतरा है। शिकायत पर पुलिस ने FIR दर्ज किया था।
तत्कालीन बीएमओ के खिलाफ भी दर्ज होगी FIR
अपर लोक अभियोजक ने जानकारी देते हुये बताया जिला सत्र न्यायधीश मनीष कुमार लोवंशी की अदालत में फर्जी डिग्री के आधार पर क्लिीनिक चलाने के मामले में सुनवाई हुई। डॉक्टर को अलग-अलग धाराओं के तहत 3-3 साल की सजा के साथ 14 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है। आरोपी पूनम चंद साहू ऐलोपैथिक की डिग्री न होने के बाद भी ऐलोपैथिक इलाज कर रहा था। इसकी एफआईआर बुदनी थाने में 9 मई को की गई थी। न्यायलय में सभी साक्ष्यों के आधार पर अपर सत्र न्यायधीश से आरोपी को फर्जी डिग्री के साथ प्रैक्टिस करने का दोषी पाते हुये ये सजा सुनाई। वहीं तत्कालीन बीएमओ के खिलाफ भी काम में लापरवाही के चलते एफआईआर कराने निर्देश दिये हैं।
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