अनिल मालवीय, सीहोर। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत राजस्थान के झुंझुनू से एक साथ बीमा राशि का वितरण किया। जिसमें मध्यप्रदेश के किसानों के खाते में लगभग 1,383 करोड़ भेजे गए। लेकिन सीहोर के किसानों को केवल ‘झुनझुना’ ही मिला। आक्रोशित किसानों ने खेतों में झुनझुने और पेड़ों पर घंटियां बजाकर विरोध जताया।

सीहोर के रामाखेड़ी, छापरी चंदेरी कुलास सेवनिया, संग्रामपुर समेत कई गांवों के किसानों ने आरोप लगाया कि पिछले 5 वर्षों से सोयाबीन की फसल प्राकृतिक आपदा से खराब हो रही है। बैंक हर साल खातों से बीमा प्रीमियम काटता है, लेकिन मुआवजा नहीं मिलता। कई किसानों को सिर्फ हजार-ग्यारह सौ रुपये मिले, जिसे किसानों ने “ऊंट के मुंह में जीरा” बताया।

किसान व समाजसेवी एमएस मेवाड़ा ने कहा कि कृषि विभाग, बैंक और बीमा कंपनी कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं देता। सरकार घर-घर जाकर बीमा करने का प्रचार तो करती है, लेकिन जब नुकसान होता है, किसानों को बीमा राशि के नाम झुंझुनू से झुनझुना पकड़ा देता है, किसानों को राहत नहीं मिलती। वहीं किसानों ने चेतावनी दी कि यदि बीमा का लाभ समय पर नहीं मिला तो वे उग्र आंदोलन करेंगे। यह अन्याय नहीं रुका तो किसानों का भरोसा बीमा योजनाओं से पूरी तरह उठ जाएगा।

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