कपिल मिश्रा,शिवपुरी। न्यायालय के आदेश के बाद आरटीओ द्वारा शहर में ऑटो चालकों के विरुद्ध अचानक शुरु की गई कार्यवाही के खिलाफ ऑटो वालों में आक्रोश व्याप्त है। ऑटो वाले इस कार्यवाही से दुखी हैं और उनका कहना है कि प्रशासन को यदि कार्यवाही करना थी तो उन्हें पहले समय देना चाहिए था। उनके ऑटो जब्त होने से उनके सामने अब फांसी लगाने या जहर खाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है।
ऑटो वालों का कहना है कि पिछले दो साल में ऑटो न चलने से वे सभी बैंक के कर्जदार बन गए हैं। रोजाना कमाकर बैंक को ब्याज अदा कर रहे थे, लेकिन अब उनका ब्याज न जाने से दो दिन में ही उन्होंने परेशान करना शुरू कर दिया है। इन हालातों में वह आत्महत्या करने पर मजबूर हो गए हैं और जो भी ऑटो चालक इस कार्यवाही की जद में आकर आत्महत्या करेगा उसके जिम्मेदार आरटीओ और मप्र शासन होंगे।
ऑटो यूनियन अध्यक्ष बनवारी धाकरे ने बताया कि शहर में ऐसे आधा सैकड़ा से अधिक ऑटो चालक हैं, जिन्होंने परमिट व फिटनेस की पर्चियां कटवा ली हैं। फाइल आरटीओ के यहां पेंडिंग पड़ी हुई हैं। ऐसे ऑटो वालों को भी आरटीओ ने कार्यवाही की जद में यह कहते हुए ले लिया है कि उन्हें इससे कोई मतलब नहीं है कि आपने रसीद कटवा ली है या नहीं।
वहीं ऑटो चालकों ने आरटीओ कार्यालय के स्टॅाफ पर खुला आरोप लगाया है कि वहां कोई भी बाबू बिना रिश्वत के काम नहीं करता है। अगर कोई ऑटो वाला बिना दलाल के काम करवाना चाहता है तो उसका काम भी आरटीओ कार्यालय में नहीं किया जाता है।
आरटीओ मधू सिंह का कहना है कि उच्च न्यायालय द्वारा आदेश के तहत बिना परमिट और बिना फिटनेस के छोटी सवारी वाहनों पर कार्रवाई की जा रही है। यह कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।
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