रायपुर. झीरम घाटी नक्सली हमले में मारे गए महेंद्र कर्मा के पुत्र आशीष कर्मा को सरकार ने सरकारी नौकरी देते हुए डिप्टी कलेक्टर बनाया है जिस पर चारों ओर हंगामा हो रहा हैं. जिस पर छत्तीसगढ़ NSUI अध्यक्ष आकाश शर्मा ने कहा कि बेवजह इस पर विवाद खड़ा किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के भांजे वाय. पी सिंह जो कि बीएसएफ में कार्यरत थे. उनका छत्तीसगढ़ पुलिस में विलय कर लिया गया और उनकी जॉइनिंग 1996 से दिखाते हुए उनको सीधे स्पेशल एडिशनल एसपी ऑपरेशन्स का कार्यभार राजनांदगांव जिले में दिया है. 1996 से उनकी जॉइनिंग को मानते हुए उन्हें पिछले वर्ष आईपीएस अवार्ड करने की भी सिफारिश कर उन्हें एसपी बनाये जाने की पूरी तैयारी हो चुकी थी. लेकिन छत्तीसगढ़ के लगभग 20 से ज्यादा एडिशनल एसपी ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई जिस वजह से उनका एसपी बनना टल गया. अभी वर्तमान में वाय पी सिंह को भानुप्रतापपुर स्थानांतरण किया गया है जहां आज दिनांक तक उन्होंने अपनी जॉइनिंग नहीं दी.

पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा कि वो बाहर के लोगों को लाकर यहां के स्थानीय युवाओं का हक मारते रहे तो आपके मुंह से एक शब्द नहीं निकला. यहाँ एक आदिवासी के बेटे को नौकरी क्या मिली सारे एक साथ तिलमिला उठे. शहीद वी के चौबे के पुत्र सौमिल को भी डॉ रमन सिंह ने उनके निवास पे जाकर डिप्टी कलेक्टर के पद पर नियुक्त किया था, तब हम सब ने एक स्वर में इस कदम की प्रशंसा की थी. आज एक आदिवासी पुत्र को नौकरी मिलने पे आप सब राजनीति पे उतर आए है.  आज स्व महेंद्र कर्मा के पुत्र को नौकरी मिलने पे आप सारे बाहरी लोगों को तकलीफ हो रही है.

उन्होंने कहा कि मैं भाजपा नेताओं को कोई स्पष्टीकरण नहीं देना चाहता बस अपने छत्तीसगढ़ी युवा साथियों से अपील करना चाहता हूं, आशीष कर्मा ने अपना परिवार खोया है. ऐसे वक्त पे उसका सबल बढ़ाये न कि बाहरी लोगों द्वारा फैलाये प्रोपोगेंडा का हिस्सा बने.