महासमुंद। स्वर्गीय दयावती कंवर को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का दर्जा देने की मांग उठ रही है. बागबाहरा विकासखंड के ग्राम तमोरा में स्वर्गीय दयावती कंवर और स्व रघुवर सिंह के परिजनों से समाजसेवी अंकित बागबाहरा ने मुलाकात की. परिवार ने अंकित बागबाहरा को ज्ञापन भी सौंपा है. स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारी संगठन के जिला अध्यक्ष नारायण नामदेव से भी विस्तार से चर्चा कर जानकारियां एकत्रित की गई.

ग्राम तमोरा में 1930 के जंगल सत्याग्रह के दौरान 18 वर्षीय स्व दयावती कंवर ने एक अंग्रेज अधिकारी को चांटा मार दिया था. जिससे यह आंदोलन बड़ा रूप ले लिया. यह इतिहास के पन्नों में दर्ज है. उन्होंने कहा कि आश्चर्य की बात यह है कि अभी तक उनका नाम प्रमाणित स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की सूची में दर्ज नहीं हो पाई है. जबकि छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता प्राप्ति के इतिहास में उनका नाम वर्णित है. जिसे करवाया जाना अत्यंत आवश्यक है.

आज स्व रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस के पर स्व दयावती कंवर और उन जैसे समस्त स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को अजर अमर करने और उनकी गौरव गाथा को जन जन तक पहुंचाया जा सके. अंकित बागबाहरा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम को पत्र लिखकर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का दर्जा देने की मांग की है.महासमुंद में कुल 145 पंजीकृत स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों में भी स्व दयावती कंवर का नाम अंकित नहीं है.

ये है 8 सूत्रीय मांग

  • स्व दयावती कंवर को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का दर्जा दिया जाए.
  • स्व दयावती कंवर के नाम से शीघ्र तमोरा में किसी भी शाला या चिकित्सालय का नाम किया जाए.
  • ग्राम बी के बाहरा के शाश्कीय उच्चतर माध्यमिक शाला का नाम शहीद रुखमनी देवी क्षेत्रपाल के नाम से किया जाए.
  • महासमुंद जिले के अब तक कुल 145 चिन्हांकित सेनानियों सहित पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश में जहां पर भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे है. उन्हें और उनके परिवार को चिन्हांकित कर उनके नाम पर स्कूल, महाविद्यालय,चिकित्सालय का नाम करवाने और उनकी जीवनी उस विद्यालय, महाविद्यालय, चिकित्सालय में अंकित करवाया जाए.
  • 15 अगस्त और 26 जनवरी को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार को जरूर बुलाया जाए. अग्रिम पंक्ति में उनको और उनके परिवार को स्थान दिलवाना.
  • स्वतंत्रता सैनिक सम्मान योजना के नियमावली से पति पत्नी व उसका नाबालिक बच्चा को सुधार कर वर्तमान में निधि पाने से चुके परिवारों को मदद करवा सम्मानित करना चाहिए.
  • छत्तीसगढ़ के इन समस्त स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की जीवनी को संजो के पुस्तक के रूप में प्रकाशित करवा विद्यालय और महाविद्यालयीन स्तर पर पाठ्यक्रम में जुड़वाना.
  • स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार को बिजली मुफ्त, बस किराया मुफ्त, 2 रुपये वाला राशन कार्ड, प्रधानमंत्री आवास के दो कमरे वाले मकान में प्राथमिकता या एक समिति बनवा निर्णय ले समुचित लाभ अवश्य दिलवाना चाहिए. ताकि आज जिनकी बदौलत हम स्वतंत्र भारत में सांस ले पा रहे है उनका कुछ कर्ज उतार सके.

read more- Corona Horror: US Administration rejects India’s plea to export vaccine’s raw material