उदयपुर {सरगुजा}– अदाणी फाउंडेशन द्वारा उदयपुर पंचायत क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण सेमीनार का आयोजन किया गया। इस मौके पर बहुउद्देशीय महिला सहकारी समिति की सदस्यों समेत सम्पूर्ण उदयपुर ब्लॉक की महिलाओं को आमंत्रित किया गया, जिसमें 90 से अधिक महिलाओं की हिस्स्सेदारी देखने को मिली। इस सेमीनार का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को स्वरोजगार व आजीविका के नए अवसरों व सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के प्रति प्रेरित करना था। वर्तमान में महिला कॉपरेटिव मब्स के माध्यम से जिले की महिलाओं को आय अर्जन के नए, आधुनिक व पारम्परिक स्त्रोतों से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
इस मौके पर विधायक प्रतिनिधि सिद्धार्थ सिंघ्देव, मुख्य अतिथि पारस पैतरा, जनपद सीईओ, भोजवंती पैतरा, जनपद अध्यक्ष, राधा रवि, जिला सदस्य, नीरज मिश्रा, जनपद उपाध्यक्ष, वंदना दत्ता, समाजसेवी, महिला कॉर्पोरेटिव बंधन पोर्ते व गौरव जैन, सरगुजा क्लस्टर एच. आर. हेड, अदाणी इंटरप्राइजेज लिमिटिड ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस दौरान मुख्य अतिथि सिद्धार्थ सिंघ्देव ने कहा कि “अदाणी फाउंडेशन व मब्स द्वारा चलाई जा रही गतिविधियों ने सीधे तौर पर ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने का कार्य किया है। हमें इस तरह के आयोजनों को बढ़ाना होगा ताकि महिलाएं आय अर्जन के नए नए माध्यमों से जुड़कर अपने व अपनों के जीवनशैली में महत्वपूर्ण बदलाव लाने की गवाह बन सकें।”
वहीँ मब्स प्रमुख सदस्य बंधन पोर्ते ने मसाला ग्राइंडिंग, मास्क व कपडा बैग्स जैसे फाउंडेशन की विभिन्न स्वरोजगार आधारित योजनाओं का हवाला देते हुए कहा कि, समूह के माध्यम से महिलाओं को घर से बाहर की दुनिया में चीजों को समझने का मौका मिला है अपनी ही महिला सदस्यों द्वारा तैयार किए गए उत्पादों को विभिन्न बाजारों में बिक्री होते देख ख़ुशी होती है। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में मब्स व अदाणी फाउंडेशन की सम्पूर्ण टीम का विशेष योगदान रहा।
बता दें कि सहकारी समिति की महिला सदस्य विभिन्न परियोजनाओं के साथ सतत उत्पादन को भी बढ़ावा दे रही हैं। मब्स की महिला सदस्यों द्वारा जिले के किसान क्लब द्वारा उगाये अनाज व सब्ज़ियों का विपणन भी किया जा रहा है, जिसके फलस्वरूप जिलागत किसानों को उनकी फसलों पर निश्चित आमदनी प्राप्त हो रही है। इसके अतिरिक्त महिलाओं द्वारा बनाये गए उत्पादों जैसे कपड़ा बैग, मसाले आदि को ऑनलाइन मार्केट तक पहुंचाने में भी मब्स की महिला सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इसके अतिरिक्त मब्स (एमयूबीएसएस), जैविक खाद की जरूरतों को पूरा करने के लिए वर्मीकम्पोस्ट के व्यवसायिक उत्पादन पर कार्य कर रहा है। इस प्रक्रिया में तीन महिलाओं को नियमित रोजगार मिलता है।