Sengol in New Parliament. गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ‘नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर जानकारी दी. उन्होंने बताया कि नई संसद में सेंगोल (राजदंड) को रखा जाएगा. जिसका मतलब होता है संपदा से संपन्न. जिस दिन संसद राष्ट्र को समर्पित होगी, उसी दिन तमिलनाडु से आए विद्वान सेंगोल (Sengol) पीएम को देंगे. इसे संसद में रखा जाएगा. शाह ने बताया कि सेंगोल को इससे पहले इलाहाबाद में रखा गया था.

अमित शाह ने बताया कि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने सेंगोल (Sengol) को स्वीकार किया था. इसका हमारे इतिहास में बड़ा योगदान है. इसे नई संसद भवन में स्पीकर की कुर्सी के बगल में इसे रखा जाएगा. उन्होंने कहा, ‘सेंगोल को संग्रहालय में रखना ठीक नहीं है. अंग्रेजों से सत्ता ट्रांसफर का प्रतीक है. यह अमृतकाल का प्रतिबिंब होगा’. शाह ने बताया कि 60,000 श्रमयोगियों ने रिकॉर्ड समय में भवन को बनाया है. इसलिए पीएम इस मौके पर सभी श्रमयोगियों का सम्मान भी करेंगे. उन्होंने कहा कि राजनीति तो चलती रहती है, हमने सबको आमंत्रित किया है. हमारी इच्छा है कि सभी इस कार्यक्रम में हिस्सा लें’.

शाह ने बताया सेंगोल का इतिहास

मीडिया को जानकारी देते हुए अमित शाह ने बताया कि ‘इस अवसर पर एक ऐतिहासिक परंपरा पुनर्जीवित होगी. इसके पीछे युगों से जुड़ी हुई एक परंपरा है. इसे तमिल में सेंगोल (Sengol) कहा जाता है और इसका अर्थ संपदा से संपन्न और ऐतिहासिक है. 14 अगस्त 1947 को एक अनोखी घटना हुई थी. इसके 75 साल बाद आज देश के अधिकांश नागरिकों को इसकी जानकारी नहीं है. सेंगोल ने हमारे इतिहास में एक अहम भूमिका निभाई थी. यह सेंगोल सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक बना था. इसकी जानकारी पीएम मोदी को मिली तो गहन जांच करवाई गई. फिर निर्णय लिया गया कि इसे देश के सामने रखना चाहिए. इसके लिए नए संसद भवन के लोकार्पण के दिन को चुना गया.’

अमित शाह ने कहा ‘सेंगोल की स्थापना के लिए संसद भवन से उपयुक्त और पवित्र स्थान कोई और हो ही नहीं सकता. इसलिए जिस दिन नए संसद भवन को देश को समर्पित किया जाएगा उसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमिलनाडु से आए हुए अधीनम से सेंगोल को स्वीकार करेंगे और लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास इसे स्थापित करेंगे.’

उद्घाटन पर सियासी संग्राम

इधर संसद के उद्घाटन की तैयारी चल रही है, उधर उद्घाटन को लेकर सियासी संग्राम छिड़ा हुआ है. विपक्ष लगातार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के से इस नए भवन का उद्घाटन करवाने की मांग कर रहा है. अब तक 19 विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया है. इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि 28 मई को इस नई संसद का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उद्घाटन करने जा रहे हैं.

नए संसद भवन के बारे में…

बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी. नए संसद भवन का निर्माण 15 जनवरी 2021 को शुरू हुआ था. इस बिल्डिंग को पिछले साल नवंबर में पूरा हो जाना था. सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बनी ये बिल्डिंग प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है. इसे 28 महीने में बनाया गया. जिसकी लागत 862 करोड़ रुपये आई है.

पुराना संसद भवन 47 हजार 500 वर्गमीटर में बना है. जबकि नई बिल्डिंग 64 हजार 500 वर्ग मीटर में बनाई गई है. यानी पुराने से नया भवन 17 हजार वर्ग मीटर बड़ा है. नए संसद भवन में 4 फ्लोर हैं. इसमें 3 दरवाजे हैं, इन्हें ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार नाम दिया गया है. सांसदों और VIPs के लिए अलग एंट्री बनाई गई है. बताया जा रहा है कि नए संसद भवन पर भूकंप का असर नहीं होगा.