शब्बीर अहमद/ कुमार इंदर, भोपाल/जबलपुर। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत सिंह को एमपी हाईकोर्ट का महाधिवक्ता नियुक्त किया गया. इस संबंध में सरकार ने आदेश जारी कर दिया है.

दरअसल, महाधिवक्ता के इस्तीफे के बाद खाली हुए प्रदेश के महाधिवक्ता पद के लिए भोपाल से शुरु हुई लड़ाई न जाने कहां कहां पहुचीं. मध्यप्रदेश के नए महाधिवक्ता कौन होंगे, कहां से होंगे इन सब कयासों पर आखिरकार आज विराम लग ही गया. तमाम कयासों पर विराम लगाते हुए सरकार ने वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत सिंह को यह दायित्व सौंपते हुए आदेश जारी कर दिए है. प्रशांत सिंह प्रदेश के 19वें महाधिवक्ता होंगे.

एडीशनल एडवोकेट जनरल का पद संभाल चुके हैं प्रशांत सिंह

बता दें कि इससे पहले भी साल 2007 में वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत सिंह एडीशनल एडवोकेट जनरल का पद संभाल चुके हैं, लेकिन उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. प्रशांत सिंह करीब दो साल एडीशनल एडवोकेट जनरल पद को संभाल चुके हैं.

पुष्पेंद्र कौरव के जज बनने से खाली हुई थी सीट

आपको बता दे कि पुरुषेन्द्र कौरव ने जस्टिस बनने के पूर्व महाधिवक्ता के पद से इस्तीफा दे दिया था. 2009 में कौरव सबसे कम 33 वर्ष की उम्र में उप महाधिवक्ता, फिर अतिरिक्त महाधिवक्ता और जून 2017 में पहली बार महाधिवक्ता बनाए गए थे.

प्रशांत सिंह का नाम सबसे ऊपर

नए महाधिवक्ता के लिए जितने भी दावेदार थे उनमें पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता प्रशांत सिंह का दावा सबसे प्रबल माना जा रहा था. अधिवक्ता प्रशांत सिंह आरएसएस से सीधे जुड़े हैं. लिहाजा उनके नाम की चर्चा सबसे ज्यादा थी. प्रशांत सिंह का आरएसएस से उनका ऐसा जुड़ाव है कि एक बार विजयनगर में जब आरएसएस का सम्मेलन आयोजित हुआ था तो, उन्होंने अतिरिक्त महाधिवक्ता के पद से इस्तीफा दे दिया था. इतना ही नहीं भाजपा संगठन में भी उनकी खासी दखल है.