रायपुर- बीजेपी के वरिष्ठ नेता नंदकुमार साय एक बार फिर बगावती अंदाज में नजर आ रहे हैं, उन्होंने राज्य संगठन की अगुवाई करने वाले नेतृत्व पर सवाल उठाया है. साय ने कहा है कि विपक्ष में ओजस्वी नेतृत्व जरूरी है. विरोध में तेजस्विता होनी चाहिए, आज की स्थिति देखकर लगता है कि राज्य में पार्टी बहुत नीचे चली गई है.
नंदकुमार साय ने यह बयान पहली बार नहीं दिया है. सत्ता जाने के बाद कई मौकों पर वह प्रदेश नेतृत्व को कटघरे में खड़ा करने का कोई मौका नहीं छोड़ते. साय ने इससे पहले अपने एक बयान में कहा था प्रदेश में संगठन के जनाधार को मजबूत करने के लिए एक सर्वमान्य नेता की जरूरत है. संगठन को ऐसे नेतृत्व की जरूरत है, जो पार्टी को खड़ा कर सके.
साय ने कहा कि पार्टी के भीतर कार्यकर्ताओं को सुनकर फैसले लेने चाहिए. नेताओं को चाहिए कि कार्यकर्ताओं को सुना जाए, उनकी समस्याओं का समाधान हो सके. यदि यह स्थिति नहीं बनी, तो राज्य में पार्टी उठ नहीं पाएगी.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता साय ने भूपेश सरकार के भीतर खींचतान की खबर पर भी टिप्पणी की, उन्होंने कहा कि कोई भी सरकार सामंजस्य से चलनी चाहिए, यदि किसी तरह का विरोध है, तो समय रहते उसे दूर करना चाहिए. उन्होंने शराबबंदी के सरकार के वादे पर कहा कि, जो बात वचन पत्र में है, उसे पूरा करना होगा. उससे पीछे नहीं हटना चाहिए. इस पर ही कांग्रेस की खूब वाहवाही हुई थी.