हफ्ते के चौथे कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली. दिन के पहले ही सत्र में सेंसेक्स 644 अंकों से ज्यादा गिरकर 80,951 के आसपास पहुंच गया. वहीं, निफ्टी भी करीब 203 अंक फिसलकर 24,609 के स्तर पर आ गया. IT, ऑटो और बैंकिंग सेक्टर में भारी दबाव देखने को मिला, जिससे निवेशकों की चिंता बढ़ गई.

बाजार में गिरावट की तस्वीर

सेंसेक्स के 30 में से 28 शेयर लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं. टेक महिंद्रा, HCL टेक, पावर ग्रिड और M&M जैसे शेयरों में 2.5% से 3.5% तक की गिरावट दर्ज की गई. टाटा मोटर्स, बजाज फाइनेंस और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर भी कमजोर दिखे. दूसरी ओर, एयरटेल और टाटा स्टील जैसे गिने-चुने शेयर ही मामूली बढ़त के साथ टिके रहे.

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निफ्टी में भी हालत कुछ ऐसी ही रही. 50 में से 46 शेयरों में गिरावट दर्ज की गई. NSE के प्रमुख सेक्टरल इंडेक्स – IT, ऑटो और FMCG — सभी में 1.5% तक की गिरावट रही. बैंक निफ्टी भी 1% से ज्यादा फिसला. एकमात्र मीडिया सेक्टर ही 1% की बढ़त के साथ हरे निशान में रहा.

बाजार में गिरावट के 5 प्रमुख कारण

  • भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर अनिश्चितता: लंबे समय से चर्चाओं में रही डील को लेकर कोई नया अपडेट नहीं आने से बाजार में निराशा का माहौल है. निवेशक स्पष्टता की प्रतीक्षा में सतर्क हो गए हैं.
  • मुनाफावसूली का दबाव: हाल के दिनों में बाजार में अच्छी तेजी देखी गई थी. ऐसे में वैश्विक टेंशन और राजनीतिक अनिश्चितता को देखते हुए कई निवेशकों ने मुनाफा निकालना शुरू कर दिया है.
  • नए ट्रिगर्स की कमी: फिलहाल कोई मजबूत पॉजिटिव संकेत बाजार में मौजूद नहीं है. निवेशक अब जून में आने वाली GDP ग्रोथ रिपोर्ट और केंद्रीय बैंक की नीतियों पर नजर गड़ाए हुए हैं.
  • विदेशी निवेशकों की सतर्कता: बीते दो दिनों में FIIs ने भारी बिकवाली की है. 20 मई को ही कैश सेगमेंट में 10,000 करोड़ से ज्यादा के शेयर बेचे गए, जिससे बाजार को झटका लगा.
  • अमेरिका की क्रेडिट रेटिंग में गिरावट: मूडीज द्वारा अमेरिका की रेटिंग घटाकर ‘Aa1’ किए जाने के बाद वैश्विक बाजारों में भी दबाव देखने को मिला है. इसका असर भारत सहित उभरते बाजारों पर भी पड़ा है.

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ग्लोबल मार्केट का हाल

एशियाई बाजारों में भी गिरावट का रुख रहा. जापान का निक्केई 332 अंक गिरकर 36,967 पर पहुंचा, जबकि कोरिया का कोस्पी इंडेक्स 1.3% लुढ़का. हांगकांग का हैंगसेंग इंडेक्स 78 अंक नीचे बंद हुआ. अमेरिका के बाजारों में भी मंगलवार को गिरावट रही, जहां डाउ जोन्स करीब 816 अंक टूटकर बंद हुआ.

निवेशकों की नजर अब किस पर?

बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक बाजार में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है. निवेशक अब 30 मई को आने वाली GDP ग्रोथ रिपोर्ट, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की पॉलिसी और जून में होने वाली RBI बैठक के संकेतों का इंतजार कर रहे हैं. तब तक सतर्कता से निवेश करने की सलाह दी जा रही है.