मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक के एक फैसले से शेयर बाजार में त्राहिमाम मच गया है. आरबीआई गवर्नर शशिकांत दास के रेपो रेट को तत्काल प्रभाव से 4.0 से 4.4 प्रतिशत करने की घोषणा के साथ ही सेंसेक्स 1300 और निफ्टी 400 पाइंट नीचे गिर गया.
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को सेंट्रल बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने इकोनॉमी के हालात पर चर्चा करने के लिए बैठक की. इस बैठक में एमपीसी के सदस्यों ने एकमत से रेपो रेट को 0.40 फीसदी बढ़ाने का फैसला लिया. बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए गवर्नर शशिकांत दास ने बताया कि एमपीसी ने यह फैसला बेकाबू होती महंगाई के कारण लिया.
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मार्च 2022 में खुदरा महंगाई तेजी से बढ़ी और 7 फीसदी पर पहुंच गई. खासकर खाने-पीने की चीजों की महंगाई के कारण हेडलाइन सीपीआई इंफ्लेशन यानी खुदरा महंगाई तेजी से बढ़ी है. इसके अलावा जिओपॉलिटिकल टेंशन ने भी महंगाई को बढ़ाया है.
रेपो रेट के साथ CRR में भी बढ़ोतरी
रिजर्व बैंक की एमपीसी ने रेपो रेट के साथ ही कैश रिजर्व रेशियो (CRR) को भी 0.50 फीसदी बढ़ाने का फैसला किया. गवर्नर दास ने बताया कि ब्याज दरें बढ़ाने का फैसला मध्यम अवधि में इकोनॉमिक ग्रोथ के प्रोस्पेक्ट को मजबूत बनाने के लिए लिया गया है. उन्होंने कहा कि ग्लोबल इकोनॉमिक रिकवरी अब मोमेंटम खोने लगा है. इस वजह से रेपो रेट बढ़ाने के अलावा एकमोडेटिव मॉनीटरी पॉलिसी स्टान्स बरकरार रखने का भी फैसला किया.
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ईएमआई देना पड़ेगा भारी
रेपो रेट में बढ़ोतरी के साथ आम लोगों की तकलीफों में बढ़ोतरी तय है. इसका पहला असर होम लोन और कार लोन समेत सभी प्रकार के कर्जों पर ली जाने वाली ब्याज की दरों पर पड़ेगा. इसकी वजह से ईएमआई की रकम बढ़ जाएगी.
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