Sensex and Nifty Update: हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन, 31 अक्टूबर की सुबह स्टॉक मार्केट ने जोश के साथ शुरुआत की थी. सेंसेक्स में 300 अंकों तक की छलांग, निफ्टी भी तेजी के रंग में था. निवेशकों के चेहरों पर उम्मीद की चमक थी, लेकिन दोपहर होते-होते यह रौनक अचानक गायब हो गई.
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Sensex and Nifty Update
मिड-सेशन में सेंसेक्स की तबाही
शुरुआती तेजी के बाद अचानक बाजार में बिकवाली का माहौल बन गया. सेंसेक्स ने इंट्रा-डे में करीब 600 अंकों की गिरावट झेली. निवेशकों में डर था कि कहीं यह किसी बड़े करेक्शन का संकेत तो नहीं.
हालांकि सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 17 अब भी हरे निशान में रहे. मारुति, TCS और भेल जैसे दिग्गजों ने बाजार को संभालने की कोशिश की. दूसरी ओर NTPC, टाटा स्टील और कोटक बैंक के शेयरों में भारी बिकवाली रही. निफ्टी के 50 शेयरों में से 29 में तेजी दिखी, लेकिन मेटल, मीडिया और फार्मा सेक्टर की कमजोरी ने इंडेक्स को दबा दिया.
ग्लोबल मार्केट का असर: एशिया से मिला झटका, अमेरिका से डर
वैश्विक बाजारों का मूड भी आज मिश्रित रहा.
जापान का निक्केई इंडेक्स 1.21% चढ़कर 51,948 पर बंद हुआ.
कोरिया का कोस्पी 0.40% ऊपर 4,103 पर रहा.
वहीं हॉन्गकॉन्ग का हैंगसेंग 0.80% गिरकर 26,071 पर और
चीन का शंघाई कंपोजिट 0.63% गिरकर 3,961 पर पहुंचा.
अमेरिकी बाजारों में भी कमजोरी देखने को मिली.
30 अक्टूबर को डाउ जोन्स 0.23% गिरा, नैस्डेक 1.57% और S&P 500 लगभग 1% टूटे. विदेशी बाजारों की यह बेचैनी भारतीय ट्रेडर्स के आत्मविश्वास पर भी असर डाल रही है.
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लेंसकार्ट का IPO: कमजोर बाजार में बड़ी एंट्री
शेयर बाजार की इस उथल-पुथल के बीच एक नई एंट्री हुई, आईवियर कंपनी लेंसकार्ट का IPO आज यानी 31 अक्टूबर से खुला. निवेशक इस IPO में 4 नवंबर तक बोली लगा सकते हैं.
- प्राइस बैंड: ₹382 से ₹402 प्रति शेयर
- मिनिमम लॉट साइज: 37 शेयर
- न्यूनतम निवेश राशि: ₹14,874
- लिस्टिंग डेट: 10 नवंबर, BSE और NSE दोनों पर
लेंसकार्ट का लक्ष्य इस IPO से लगभग ₹7,278 करोड़ जुटाने का है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह इश्यू लंबी अवधि के निवेशकों के लिए दिलचस्प साबित हो सकता है, लेकिन बाजार की मौजूदा गिरावट निवेश भावना को ठंडा कर सकती है.
विदेशी बनाम घरेलू निवेशक: भरोसा कौन दिखा रहा है?
30 अक्टूबर के आंकड़ों से बाजार की स्थिति साफ होती है. विदेशी निवेशकों (FIIs) ने ₹3,077.59 करोड़ के शेयर बेचे. वहीं घरेलू निवेशकों (DIIs) ने ₹2,469.34 करोड़ की खरीदारी की.
अक्टूबर महीने में अब तक FIIs ने ₹4,422.45 करोड़ की बिकवाली की, जबकि DIIs ने ₹45,725.58 करोड़ की नेट खरीदारी की. यानी विदेशी निवेशक निकल रहे हैं, लेकिन घरेलू निवेशक अभी भी बाजार की रीढ़ बने हुए हैं.
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कल का दिन भी नहीं था आसान (Sensex and Nifty Update)
एक दिन पहले, 30 अक्टूबर को सेंसेक्स 593 अंक फिसलकर 84,404 पर बंद हुआ था. निफ्टी भी 176 अंकों की गिरावट के साथ 25,878 पर आ गया था. सेंसेक्स के 30 में से 23 शेयर लाल निशान में रहे.
एयरटेल, पावर ग्रिड, टेक महिंद्रा और इंफोसिस जैसे दिग्गज 1.5% तक टूटे, जबकि L&T और BEL ने हल्की तेजी दिखाई. निफ्टी के 50 में से 40 शेयर नीचे रहे और लगभग सभी सेक्टरल इंडेक्स में गिरावट दर्ज हुई. सबसे ज्यादा नुकसान IT, FMCG, फार्मा, मेटल और हेल्थकेयर सेक्टर को हुआ.
क्यों डगमगा रहा है बाजार का भरोसा?
विश्लेषकों के अनुसार, बाजार में फिलहाल तीन बड़े दबाव हैं-
- ग्लोबल अनिश्चितता: अमेरिकी बाजारों में ब्याज दर और मुद्रास्फीति को लेकर संशय.
- कमजोर विदेशी निवेश: FIIs की लगातार बिकवाली बाजार को नीचे खींच रही है.
- लाभ वसूली की लहर: अक्टूबर के अंत में मुनाफा बुकिंग तेज हुई है, जिससे शॉर्ट-टर्म करेक्शन देखने को मिल रहा है.
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले हफ्ते में निफ्टी के लिए 25,500 और सेंसेक्स के लिए 83,500 का स्तर अहम सपोर्ट रहेगा.
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निवेशकों के लिए संदेश
हालांकि बाजार में गिरावट आई है, लेकिन जानकारों का कहना है, यह गिरावट डर की नहीं, अवसर की है. रिलायंस सिक्योरिटीज के विश्लेषक के अनुसार, “यह समय गुणवत्ता वाले शेयरों में धीरे-धीरे निवेश बढ़ाने का है. जो कंपनियां मजबूत फंडामेंटल्स और कम कर्ज में हैं, वे इस करेक्शन से बाहर निकलकर सबसे पहले उभरेंगी.”
सेंसेक्स का मूड बदल रहा है, पर खेल अभी बाकी है (Sensex and Nifty Update)
31 अक्टूबर का दिन भारतीय शेयर बाजार के लिए एक और सबक छोड़ गया. तेजी कभी भी गिरावट में बदल सकती है. ग्लोबल अनिश्चितता, विदेशी बिकवाली और सेक्टरवार उतार-चढ़ाव ने साबित किया कि निवेशकों के लिए स्थिरता अभी दूर है.
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