मुंबई। शेयर बाजार की भाषा में दो शब्द बहुत मायने रखते हैं, पहला बुल (बैल) और दूसरा बीयर (भालू). बुल जहां तेजी का प्रतीक है, तो बीयर गिरने का प्रतीक है. और मोदी 3.0 के आने के बाद से शेयर बाजार लगता है छुट्टा सांड हो गया है. बुधवार को भारतीय बाजार सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया, जिससे सेंसेक्स 80,000 के पार पहुंच गया और निफ्टी 24,300 के करीब पहुंच गया.
चॉइस ब्रोकिंग के शोध विश्लेषक देवेन मेहता ने बताया कि विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने दूसरे दिन भी अपनी बिक्री जारी रखी, 2 जुलाई को 2,000 करोड़ रुपये के इक्विटी बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 648 करोड़ रुपये के इक्विटी खरीदना जारी रखा.
उन्होंने बताया कि कल, मुनाफावसूली के कारण निफ्टी 24,236.35 के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद तेजी से गिरा. एफआईआई ने ₹2000 करोड़ की शुद्ध बिक्री की, जबकि डीआईआई ने ₹648 करोड़ खरीदे.
वैश्विक बाजार
वहीं बात करें वैश्विक बाजार की तो डॉव जोन्स औद्योगिक औसत 0.41% बढ़कर 39,331.85 पर पहुंच गया, एसएंडपी 500 0.62% बढ़कर 5,509.01 पर पहुंच गया और नैस्डैक कंपोजिट 0.84% बढ़कर 18,028.76 पर पहुंच गया.
फेड चेयर जेरोम पॉवेल की टिप्पणियों से उम्मीदें मजबूत हुईं कि अमेरिकी ब्याज दरों में कटौती बहुत दूर नहीं है, जबकि येन 1986 में आखिरी बार देखे गए स्तरों के करीब रहा, जिससे व्यापारी जापानी हस्तक्षेप से सावधान रहे.
जापान के बाहर एशिया-प्रशांत शेयरों का एमएससीआई का सबसे बड़ा सूचकांक 0.26% अधिक था, जबकि जापान का निक्केई 0.49% बढ़ा, जो मार्च में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया.
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