नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी का 91 साल की उम्र में निधन हो गया है. श्रीनगर के हैदरपुरा के अपने निवास पर बुधवार की रात उन्‍होंने अंतीम सांस ली. सैयद हृदय, किडनी, शुगर समेत कई बीमारियों से पीड़ित थे. पिछले कई वर्षों से खराब स्वास्थ्य के कारण वह कम सक्रिय थे. उनके निधन के बाद कश्मीर में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई है. पाकिस्तान में एक दिन का शोक घोषित किया गया है.

सैयद अली शाह गिलानी ने निधन पर पीडीपी नेता और पूर्व मुख्‍यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर दुख जताया है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी गिलानी के निधन पर दुख व्यक्त किया. प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि पाकिस्तान में एक दिन का शोक रहेगा. झंडे को आधा झुका दिया जाएगा.

सैयद अली शाह गिलानी का जन्म 29 सितंबर 1929 को हुआ था. वो मूल रूप से सोपोर जिले के रहने वाले थे. उन्होंने कॉलेज की पढ़ाई पाकिस्तान के लाहौर से की थी. वह 3 बार सोपोर से विधायक चुने गए थे. उन्होंने जून 2020 में हुर्रियत छोड़ दिया था. गिलानी को पाकिस्तान अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाज चुका है.

हुर्रियत का गठन 1990 के दशक में किया गया था. अलगाववादी नेता गिलानी पर कई गंभीर मामले भी दर्ज थे. उनका पासपोर्ट भी रद्द कर दिया गया था. उन पर हवाला फंडिग, सीमा पार आतंकियों से पैसे लेकर उसे आगे कश्मीर में आग भड़काने के लिए इस्तेमाल करने में भी उनकी भूमिका रही थी. एनआइए और ईडी ने इन मामलों की जांच की थी. जिसमें गिलानी के दामाद से भी पूछताछ हुई थी. गिलानी ने अलगाववाद और इस्लाम से जुड़े विषयों पर 4 किताबें लिखी थीं.

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