रायपुर। राजधानी के विधानसभा रोड स्थित मिशिनरीज स्कूल कैंपियन में एक क्लास वन की बच्ची के साथ दुष्कर्म के मामले में सोमवार को पीड़ित बच्ची का मजिस्ट्रेट के सामने 164 के तहत कलम बंद बयान दर्ज कराया गया. वहीं इस मामले में पुलिस की भूमिका पर भी सवालिया निशान लग रहा है.

पेट्रोलिंग गाड़ी लेकर वर्दी में पहुंचती है पुलिस

बच्ची के परिजनों के मुताबिक बच्ची ने अपने साथ हुए हादसे के बारे में मजिस्ट्रेट के सामने बयान दिया. उधर इस मामले में परिजनों ने पुलिस की भूमिका पर बड़ा सवालिया निशान लगाया है. पीड़िता के पिता का कहना है कि पुलिस उनके साथ अभियुक्तों जैसा बर्ताव कर रही है किसी भी वक्त पेट्रोलिंग वाली गाड़ी लेकर वर्दी में उनके घर पहुंच जाती है. उनका कहना है कि पुलिस खुद सारे सबुतों को नष्ट करने का प्रयास कर रही है. पुलिस स्कूल प्रशासन पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है, डीवीआर जब्त नहीं किया है. बच्ची के अंतःवस्त्र जला दिया गया है. इसके साथ ही उन्होंने सीडब्लूसी के पदाधिकारियों पर भी आरोप लगाया है उनका कहना है कि सीडब्लूसी द्वारा अपनी मर्जी से बच्ची का बयान लिखा गया है. वहीं आज मजिस्ट्रेट दीप्ति सिंह गौर के यहां बच्ची के हुए बयान पर उन्होंने संतुष्टि जताई है.

जेजे एक्ट का उल्लंघन

इधर इस मामले में समाज सेविका ममता शर्मा ने भी सीडब्लूसी और पुलिस पर आरोपी को बचाने के प्रयास का आरोप लगाया है. उन्होंने पुलिस के ऊपर जेजे एक्ट के उल्लंघन का आरोप लगाया है उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की भी गाइड लाइन है कि नाबालिग पीड़िता से पुलिस सिविल ड्रेस में ही और पारिवारिक वातावरण में ही पूछताछ करेगी लेकिन रायपुर पुलिस इसका उल्लंघन कर रही है.

इधर पुलिस इस मामले में दुष्कर्म से इंकार कर रही है. पुलिस का कहना है कि तीन बार बच्ची का एमएलसी कराया गया है लेकिन दुष्कर्म की पुष्टी नहीं हुई है. इस मामले में बच्ची ने 10 वीं कक्षा के एक छात्र पर आरोप लगाया है.

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