इंद्रपाल सिंह, नर्मदापुरम। आपने लोगों को अक्सर बेटे के जन्म पर जश्न मनाते हुए तो जरूर देखा ही होगा, लेकिन आज के दौर में भी बेटी के जन्म पर खुशी मनाने का चलन कम ही है। समाज में कुछ ही ऐसे लोग है जो बेटियों को भी बेटों से बढक़र मानते हैं और उनके जन्म पर जमकर खुशियां मनाते हैं। ऐसे ही लोगों में शामिल है नर्मदापुरम के रहने वाली डॉ गुंजन जैन और उनका परिवार जिन्होंने समाज के सामने मिसाल पेश की है। इस परिवार में बेटी का जन्म हुआ तो सदस्यों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा और उन्होंने बेटी के जन्म को जोरदार उत्सव के रूप में तब्दील कर दिया। जिसे देखने वाले बस देखते ही रह गए।

समाज को दिया खास सन्देश

जानकारी के मुताबिक, डॉक्टर गुंजन जैन ने अपनी बिटिया रानी के जन्मोत्सव को यादगार बनाने और समाज को बेटी अभिशाप नहीं वरदान है’ का सन्देश देने के उद्देश्य से बैंड-बाजे के साथ नगर भ्रमण किया और पुष्प वर्षा करते हुए अपनी बेटी को घर लेकर पहुंचे। नगर भ्रमण के दौरान उनके काफिले की सभी गाड़ियों पर बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ बेटी है तो कल है’ आदि बेटियों को दो वंशों की जीवन दायिनी होने के सन्देश लिखे पोस्टर लगाए गए थे। जिससे लोगों में बेटा और बेटी की समानता का संदेश लोगों तक पहुंचे। यह यात्रा जहां-जहां से गुजरी, वहां स्वागत और उत्सव यात्रा देख सभी लोगों ने जैन दंपति के इस कार्य की सराहना की और पुष्पवर्षा कर हौंसला बढ़ाया।

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गौरतलब है कि, समाज को प्रेरणादायक, मिशाल पेश करने वाले बेटियां के पिता डाक्टर गुंजन जैन उद्योग विभाग नर्मदापुरम में सहायक संचालक है। जिनके यहां बड़ी बेटी वैदेही के बाद दूसरी लक्ष्मीरूपा बेटी का जन्म 19 सितंबर को हुआ था।

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