रायपुर. शारदीय नवरात्रि का आज सातवां दिन है. आज माता के मां कालरात्रि स्वरूप की पूजा की जा रही है. मां कालरात्रि को महायोगीश्वरी, महायोगिनी और शुभंकरी भी कहा जाता है. मान्यता है कि मां कालरात्रि काल से रक्षा अपने भक्तों की रक्षा करती हैं. माता रानी को आज गुड़ का भोग चढ़ाया जाता है. मां कालरात्रि की पूजा अर्चना के लिए लाल वस्त्र शुभ माना जाता है. नवरात्रि के सांतवे दिन सभी मंदिरों में सुबह से भक्तों का तांता लगा हुआ है.
मां कालरात्रि का स्वरूप
मां कालरात्रि का स्वरूप उनके नाम की तरह की घने अंधकार सा काला है. कालरात्रि मां के तीन नेत्र हैं, जो कि ब्रह्मांड की तरह गोल हैं. मां के इस रूप की सवारी गर्दभ यानी गधा है. उनका ऊपर उठा दाहिना हाथ वर मुद्रा में है, इस तरफ के नीचे वाले हाथ में अभय मुद्रा है. मां के एक हाथ मे कांटा और नीचे वाले हाथ में खड्ग है.
मान्यता है कि मां काली की तरह ही देवी कालरात्रि ने दुष्टों और राक्षसों के नाश के लिए ही ये संहारक अवतार लिया था.
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