चंद्रकांत/बक्सर: नगर के नालों के गंदे पानी से पतित पावनी गंगा को मुक्ति दिलाने की योजना पर एक बार फिर प्रक्रिया आगे बढ़ती दिख रही है. नगर विकास एवं आवास विभाग ने जिला मुख्यालय में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की अधूरी योजना को पूरा करने के लिए नए सिरे से सर्वे कराया है. यह सर्वे ग्रीन डिजाइन एंड इंजीनियरिंग सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड नाम की एजेंसी ने किया है.
इन जगहों को किया गया चिह्नित
एजेंसी ने भौगोलिक स्थिति के आधार पर सर्वे करते हुए एसटीपी के लिए नए स्थल को चिह्नित किया है. इस एजेंसी ने एसटीपी, सीवेज वेट लैंड, इंटरमीडिएट पंपिंग स्टेशन (आइपीएस) और मुख्य पंपिंग स्टेशन (एमपीएस) के लिए कुल 6 स्थानों को चिह्नित कर इसकी सूची विभाग को सौंपी है. एजेंसी ने इन स्थलों के अनुसार परियोजना की विस्तृत रिपोर्ट बनाने से पहले विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र मांगा है.
विस्तृत कार्य योजना करेगी तैयार
अगर विभाग इन चिह्नित स्थलों पर संबंधित संरचनाओं के विकास की अनुमति दे देता है, तो एजेंसी इसके लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार करेगी, तब योजना का पूरा स्वरूप और उसकी लागत स्पष्ट हो सकेगी. पुरानी योजना के अनुसार एसटीपी का निर्माण बक्सर गोलंबर से छोटकी सारिमपुर जाने वाली सड़क के किनारे पश्चिम तरफ हो रहा था. इसका आधा से अधिक काम पूरा हो चुका है, लेकिन इस भूखंड को लेकर विवाद था और एक निजी पक्ष ने इस भूमि के स्वामित्व के मसले पर न्यायालय से अपने पक्ष में फैसला हासिल कर लिया है. इसके बाद यह पूरा निर्माण बेकार होना पहले ही तय हो गया था.
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