मुंबई. आजकल प्यार में नाकाम होने पर अक्सर लड़कियां अपने प्रेमी पर बलात्कार का आरोप लगा देती हैं. ऐसे प्रेमियों को बांबे हाईकोर्ट की गोवा बेंच ने बड़ी राहत दी है.
कोर्ट ने एक फैसले में कहा है कि प्यार में अक्सर सहमति से सेक्स संबंध स्थापित हो जाते हैं. ऐसे में उस व्यक्ति को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है. सिर्फ औऱ सिर्फ किसी महिला के गलत बयान के चलते किसी व्यक्ति को सजा नहीं दी जा सकती है.
बेंच ने ये फैसला उस मामले में दिया है जिसमें एक निचली अदालत ने बलात्कार के आरोप में एक व्यक्ति को सात साल की सजा और दस हजार का जुर्माना लगाया था. उस व्यक्ति पर उसकी प्रेमिका ने शादी का झांसा देकर बलात्कार करने का आरोप लगाया था. आरोपी ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी.
महिला ने युवक पर आरोप लगाया था कि योगेश पालेकर नाम का शख्स उसे अपने परिवार से मिलाने के बहाने अपने घर ले गया, जबकि घर पर कोई नहीं था. महिला उस दौरान घर पर रुकी और रात को दोनों के बीच सेक्शुअल रिलेशन बन गए जिसके बाद लगातार तीन-चार दिन तक उसने घर पर महिला के साथ बलात्कार किया. जब महिला ने उससे शादी की बात कही तो उसने शादी से इंकार कर दिया जिसके बाद महिला ने रेप का केस दर्ज कराया. बाद में कोर्ट ने भी आरोपी को सात साल की सजा और जुर्माना भरने का आदेश दिया. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि दोनों के बीच काफी लंबे समय तक संबध थे. दोनों के बीच मधुर रिश्ते थे. जिस दौरान ही उनके बीच सेक्सुअल रिलेशन स्थापित हो गए. इसलिए इसे बलात्कार की श्रेणी में बिल्कुल भी नहीं रखा जाएगा.