मुंबई. कोरोना वायरस की वजह से दुनियाभर में लॉकडाउन की प्रक्रिया जारी है. इसके प्रभाव से सेक्स मार्केट भी अछूता नहीं है. इस वायरस की वजह से पेशे से जुड़ी वर्कर्स की जिंदगी बदहाली की कगार पर पहुंच गई है.

न्यूज 18 की रिपोर्ट कहती है कि कोरोना वायरस (Corona Virus) का प्रभाव वैश्विक रूप से पड़ रहा है. दुनियाभर के सेक्स मार्केट (Sex Market) पर भी इसका असर पड़ा है. अल जजीरा में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश की सेक्स वर्कर्स ने सरकार से मदद मांगी है. इन सेक्स वर्कर्स की डिमांड है कि महामारी की वजह से उनका धंधा बंद हो गया है. गौरतलब है कि बांग्लादेश की राजधानी ढाका में दुनिया के सबसे बड़े वेश्यालयों में से एक ‘दौलतदिया’ है.

यहां पर 1500 से ज्यादा सेक्स वर्कर्स काम करती हैं. कोरोना का संक्रमण फैलने के बाद इस वेश्यालय पर बैन लगा दिया गया है. ये वेश्यालय बांग्लादेश में आधिकारिक रूप से चलता है. इस वेश्यालय में रोज करीब 5 हजार कस्टमर आते हैं. इसके अलावा भी देश में 11 और वेश्यालय हैं.

बीते शुक्रवार को कोरोना वायरस से बचाव के लिए उठाए जा रहे कदमों के तहत बांग्लादेशी सरकार ने वेश्यालयों पर 5 अप्रैल तक के लिए प्रतिबंध लगा दिया. हालांकि सरकार ने सेक्स वर्कर्स को 30 किलो चावल, करीब 2000 रुपए और एक फ्रीज किराए पर देने का वादा किया है. लेकिन सेक्स वर्कर्स ने सरकार से तुरंत मदद मांगी है. इनका कहना है कि वो जैसे-तैसे जिंदगी गुजार रही हैं और इस बैन का उनपर बेहद बुरा असर पड़ेगा.

अल जजीरा में प्रकाशित रिपोर्ट में एक सेक्स वर्कर ने कहा है कि अगर सरकार को बंदी करनी थी तो हमें पहले से बताना चाहिए था. हम आगे के लिए कुछ पैसे तो बचा पाते. हम ज्यादा नहीं कमा पाते. रोज जो कमाते हैं, वही खाते हैं. अब हम चाहते हैं कि सरकार हमें जल्दी मदद करे.

ऐसा नहीं है कि ये हालात सिर्फ बांग्लादेश में हैं. जापानी अखबार जापान टाइम्स के मुताबिक पूरे यूरोप में सेक्स वर्कर्स की हालत बेहद खराब है. जर्मनी की राजधानी में देह व्यापार नाइट लाइफ का लंबे समय से हिस्सा रहा है. बर्लिन का Lankwtzer 7 वेश्यालय सामान्य दिनों में कस्टमर से भरा रहता था. लेकिन अब जब पूरा यूरोप कोरोना से बुरी तरह प्रभावित हो चुका है. तो यहां पर भी बैन लगा दिया गया है. इस वेश्यालय के मालिक मार्क्स का कहना है कि बैन से पहले भी यहां लोगों का आना 50 प्रतिशत तक कम हो गया था. बैन होने के बाद तो हालात बहुत ही बुरे हैं. बर्लिन में भी कोरोना के सैंकड़ो मामले सामने आए हैं.

बर्लिन में काम करने वाली एक सेक्स वर्कर का कहना है कि उसकी ज्यादातर साथी अब घरों पर ही रह रही हैं. सरकार के सख्त आदेश हैं कि कोई भी बिना जरूरी कारण अपने घर से बाहर नहीं निकलेगा. उसके मुताबिक सेक्स वर्कर्स कुछ हफ्ते तक तो बचत के जरिए घर पर रह सकती हैं लेकिन अगर ये परेशानी लंबी खिंची तो फिर उनके सामने जीवन-मरण का संकट उत्पन्न हो जाएगा.

सेक्स मार्केट के लिए दुनियाभर में पहचाना जाने वाले एम्सटरडम में भी इस समय बैन लागू है. यहां पर वेश्यावृत्ति लीगलाइज है. ऐसे में एम्सटरडम प्रॉस्टीट्यूशन इनफॉरमेशन सेंटर ने सेक्स वर्कर्स की वित्तीय परेशानियों को दूर करने के लिए कदम उठाए हैं. आम दिनों में ये सेंटर एम्सटरडम में टूर पैकेजस के लिए काम करता है. एम्सटरडम में फाइनेंशियल क्राइसिस से बाहर आने के लिए सेक्स वर्कर्स ने फंड इकट्ठा करना भी शुरू कर दिया है. सेक्स वर्कर्स ने ये मुहिम ऑनलाइन शुरू की है क्योंकि सरकार ने किसी के भी घर से बाहर निकलने पर प्रतिबंध लगा दिया है.

कुछ ऐसी ही हालत अमेरिका की भी है. एक अमेरिकी वेबसाइट पोर्टल पर प्रकाशित खबर के मुताबिक अमेरिका में सेक्स वर्कर्स बीते कुछ हफ्तों में बिल्कुल बदहाली के कगार पर पहुंच चुकी हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक वेश्यालयों पर बैन लग चुका है और जो कस्टमर पहले से तय थे उन्होंने भी आना छोड़ दिया है. अमेरिका का इकलौता राज्य जहां पर वेश्यावृत्ति लीगलाइज है, वो है नेवादा. यहां पर सेक्स वर्कर्स की हालत बेहद खराब है. देश की राजधानी वाशिंगटन में एक एनजीओ ‘नो जस्टिस, नो प्राइड’ सेक्स वर्कर्स को मदद मुहैया कर रहा है.

साभार- न्यूज 18