कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी (Imran Pratapgarhi) के ऊपर भड़काऊ वीडियो मामले में गुजरात (Gujrat) में दर्ज केस रद्द करने पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस (Congress) सांसद को राहत का संकेत देते हुए कहा कि जिस कविता के लिए यह केस दर्ज हुआ है. उस कविता का सही अर्थ समझने की कोशिश होनी चाहिए. इमरान प्रतापगढ़ी की याचिका में इस कविता को विख्यात शायर फैज का बताया गया था. इस पर गुजरात सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल ने टिप्पणी करते हुए कहा ‘इस तरह की ‘सड़कछाप’ पंक्तियों को इतने बड़े शायर से नहीं जोड़ना चाहिए.’

Jadavpur University: जादवपुर यूनिवर्सिटी में छात्रों के बीच मारपीट, TMC-SFI समर्थक भिड़े, दो दिन पहले मंत्री को घेरा था, छात्र हड़ताल पर बैठे

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी के ऊपर गुजरात में दर्ज केस रद्द करने पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिस कविता के लिए यह केस दर्ज हुआ है, उसका सही अर्थ समझने का प्रयास होना चाहिए. यह कविता किसी धर्म के विरोध में नहीं कही गई है. इसका मकसद अहिंसा की बात करना था.

RG Kar Rape Murder Case: कोलकाता पुलिस के 11 पुलिसकर्मियों से होगी पूछताछ, CBI ने भेजा समन

गुजरात के जामनगर में एक सामूहिक विवाह कार्यक्रम में शामिल होने के बाद इमरान प्रतापगढ़ी ने 2 जनवरी को सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था. वीडियो में उन्होंने बैकग्राउंड ऑडियो के तौर पर एक कविता लगाई थी. ‘ऐ खून के प्यासे लोगों सुनो..’, इस किवता के शब्दो को सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाला बताते हुए जामनगर के रहने वाले किशनभाई नंदा ने कांग्रेस सांसद पर एफआईआर दर्ज करवाई.

‘मोबाइल वाले’ दोस्त की घिनौनी करतूत; खाने के बहाने ले गया होटल, नशीली ड्रिंक पिला लूटी आबरू

एफआईआर को रद्द करवाने के लिए इमरान ने गुजरात हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. कांग्रेस सांसद ने दलील दी कि उनका मकसद शांति और प्रेम को बढ़ावा देना था, हालांकि इसे हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था. इमरान प्रतापगढ़ी की अपील को सुनते हुए 21 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने जामनगर में दर्ज एफआईआर में किसी कार्रवाई पर रोक लगा दी थी.

Pati-Patni Aur Woh: पति-पत्नी के रिश्ते में ‘गैर मर्द’ की हुई एंट्री, पति ने दोनों को काट डाला, पढ़े खूनी खेल का खौफनाक मंजर

सुप्रीम कोर्ट में सोमवार, 3 मार्च को मामला एक बार फिर जस्टिस अभय एस ओका की अध्यक्षता वाली 2 जजों की बेंच के सामने लगा. इस पर जस्टिस ओका ने कहा, ‘संविधान लागू हुए 7 दशक से अधिक समय हो चुका है. उन्होंने कहा पुलिस को अभिव्यक्ति के मामलों में संवेदनशीलता बरतनी चाहिए.’

Jharkhand Budget 2025 Live: वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने 1 लाख 45 हजार 400 करोड़ का बजट पेश किया, हेमंत सोरेन ने महिलाओं के लिए खोला खजाना

सरकार के लिए पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, ‘शब्दों का अर्थ लोग अलग तरीके से भी लगा सकते हैं. यह एफआईआर का कारण है.’ कांग्रेस सांसद की याचिका में इस कविता को विख्यात शायर फैज का बताया गया था. इस पर टिप्पणी करते हुए एसजी तुषार मेहता ने कहा, ‘इस तरह की ‘सड़कछाप’ पंक्तियों को इतने बड़े शायर से नहीं जोड़ना चाहिए.’

Jharkhand Budget 2025 Live: राज्यपाल को सौंपी गई बजट की कॉपी, वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर थोड़ी देर बाद पेश करेंगे बजट

कांग्रेस सांसद की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि यह पोस्ट याचिकाकर्ता की सोशल मीडिया टीम ने बिना उनकी जानकारी के कर दिया था, जिस पर सुप्रीम कोर्ट के जजों ने कहा कि यह ऐसा मामला नहीं था. जिसके सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचने की जरूरत नही थी. हाई कोर्ट के स्तर पर ही इसका निपटारा हो जाना चाहिए था. प्रतापगढ़ी के वकील कपिल सिब्बल ने जजों से अनुरोध किया कि वह अपने फैसले में पुलिस और हाई कोर्ट के रवैये पर भी कुछ कहें.

Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m