चन्द्रकांत देवांगन. दुर्ग. शबरीमाला मंदिर का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है, और अब यह विवाद भिलाई तक आ पहुंचा है, जहां भगवान अय्यपा को मानने वाले हजारों भक्तों ने रैली निकाल कर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर विरोध जताया.
भिलाई में यह रैली सेक्टर-2 अय्यपा मंदिर से शुरू हुई जो भिलाई की सड़कों पर भगवान का भजन गाते हुए ग्लोब चौक से होकर वापस अयप्पा मंदिर पहुंची. इस दौरान भगवान अय्यपा को मानने वाले हजारों की संख्या में केरल समाजम के अलावा अन्य समाज के सदस्य शामिल थे. एक तरफ जहां शबरीमाला मंदिर में प्रवेश को लेकर महिलाएं अपना अधिकार बता रही है, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी महिलाओं के पक्ष में आया और उन्होंने महिलाओं को मंदिर प्रवेश का अधिकार भी दिया. वहीं दूसरा पक्ष सुप्रीम कोर्ट के फैसले को गलत बताते हुए कह रहा है कि कोर्ट के इस फैसले से भगवान अयप्पा के भक्तों की भावना आहत हुई है.
भगवान के दर्शन के लिए कर सकते हैं सालों इंतजार
भगवान अय्यपा के भक्तों का मानना है कि पिछले 4 सौ सालों से चली आ रही परम्परा को बदलना नहीं चाहिए. ये पवित्र स्थान है, और लाखों लोगो की आस्था इसके साथ जुड़ी हुई है. ऐसे में चंद लोगो के विरोध से दिया गया यह फैसला सही नहीं है, रैली में आई सैकड़ों महिलाएं भी इस फैसले के विरोध में खड़ी हुई दिखीं. उनका कहना था कि हम मंदिर जाने व भगवान के दर्शन के लिए अगले 50 साल तक का इंतज़ार कर सकते हैं. हमारे बच्चे 10 साल की उम्र में मंदिर के दर्शन के लिए गए थे, और अब वे भी 40 साल के बाद जाने के योग्य होंगे.
आस्था के विरोधी साध रहे शबरीमाला मंदिर पर निशाना
इसके अलावा रैली में शामिल अनेक लोगों का यह भी कहना था कि पूरे देश में अय्यपा भगवान के और भी मंदिर है, जिसमें महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी नहीं है. लेकिन कुछ लोग आस्था के विरोध में शबरीमाला पर ही अपना निशाना साध रहे हैं. फिलहाल, अयप्पा भगवान के भक्त अब अपनी सड़को से शुरू हुई लड़ाई को लेकर तब तक नहीं थमने की बात कह रहे हैं, जब तक सुप्रीम कोर्ट का फैसला वापस उनकी आस्था के पक्ष में नही आ जाता. चाहे इसके लिए उन्हें अपनी जान भी क्यूँ न गंवानी पड़े.