नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में केंद्र सरकार सशस्त्रत्त् बल विशेष अधिकार अधिनियम (अफ्स्पा) को रद्द करने पर विचार कर सकती है. सरकार की यह भी योजना है कि केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) में सैनिकों को वापस बुलाने और कानून व्यवस्था को जम्मू-कश्मीर पुलिस पर छोड़ने की है. वहीं, शाह ने कहा कि सितंबर से पहले जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होंगे.
एक मीडिया ग्रुप को दिए साक्षात्कार में गृह मंत्री ने कहा कि पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस पर भरोसा नहीं किया जाता था, लेकिन आज वे ऑपरेशन का नेतृत्व कर रहे हैं. उन्होंने कहा, जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र को स्थापित करना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वादा है और इसे पूरा किया जाएगा. हालांकि, यह लोकतंत्र केवल तीन परिवारों तक सीमित नहीं रहेगा और लोगों का लोकतंत्र होगा.
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में सितंबर से पहले विधानसभा चुनाव कराने का निर्देश दिया था. एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण को लेकर उभरे मुद्दों पर शाह ने कहा कि पहली बार जम्मू-कश्मीर के ओबीसी को मोदी सरकार ने आरक्षण दिया है और महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण दिया गया है. शाह ने दावा किया कि नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) नेता फारूक अब्दुल्ला और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने इन आरक्षणों पर कटुता पैदा करने की पूरी कोशिश की, लेकिन लोग अब उनके इरादों को समझ गए हैं.
शाह ने आंकड़े भी गिनाए
गृह मंत्री शाह ने कहा कि 2010 में पथराव की 2564 घटनाएं हुई थीं, जो अब शून्य हैं. 2004 से 2014 तक 7217 आतंकी घटनाएं हुईं. उन्होंने कहा कि 2014 से 2023 तक यह घटकर 2227 हो गया है और यह लगभग 70 प्रतिशत की कमी है.
राम भक्तों की विशेष होली
गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात के गांधी नगर में कहा कि दुनिया भर में फैले राम भक्तों के लिए यह होली विशेष है, क्योंकि 500 साल के बाद आज अवध में रघुवीर होली खेल रहे हैं.