अजयारविंद नामदेव,शहड़ोल। खाकी पहने शहड़ोल पुलिसकर्मी कई भूमिका में अपना किरदार निभाती नजर आती हैं. अपराधी के लिए क्रूर तो बुजुर्गों के सेवक, महिलाओं के रक्षक, बच्चों के अभिभावक और मुसीबत में फंसे व्यक्ति के लिए मददगार साबित हो रही है. इन सबके बीच शहड़ोल पुलिस की एक भूमिका और भी खास असरदार साबित हो रही है.
पुलिस इस समय अपने एक खास मिशन ऑपरेशन मुस्कान के तहत गुमशुदा बच्चों बालक बालिकाओं की तलाश कर उन्हें परिजनों को सौंपने की काम कर रही है. ऐसे ही गुजरात, उत्तरप्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र सहित मध्यप्रदेश के अन्य जिलों से 12 बालक और 43 नाबालिग बालिकाओं को ढूंढ निकाला है. उन्हों परिजनों को सौंपा है. जिससे परिजन और उनके मां के आंसू फिर से खुशियों के आंसू में तब्दील हो गए.
विगत कई वर्षों से लापता हुए बालक-बालिकाओं बच्चों को तलाश करने के मिशन के तहत ऑपरेशन मुस्कान शुरू किया गया. जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए. शहड़ोल पुलिस ने जिले के कोतवाली से लापता हुए 7 बच्चे, सोहागपुर थाना से 6 बच्चों, गोहपारू थाना से 5, सिंहपुर थाना से 1, बुढार थाना से 9 , अमलाई थाने से 2 , जैतपुर थान से 6 खैरहा थाना 1, ब्यौहारी थाना से 6, जयसिहंगर थाना 7, सीधी थान 4 , पपौन्ध थाना 1 लापता बालक-बालिकाओं को ढूंढ निकाला है. पुलिस ने 52 परिवारों को उनके लापता बच्चों को वापस करने में अहम भूमिका निभाई है.
ऑपरेशन मुस्कान के तहत किसी मां के आंसू फिर से खुशियों के आंसू में तब्दील हो रहे हैं. जब घर परिवार वाले दुआएं देते हैं, तो पुलिसकर्मियों को अपनी मेहनत का सार्थक परिणाम दिखता है. जिससे पुलिस की छवि भी जनता के बीच अलग बन रही है.
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